परिवारों के बिखराव से बृद्धाश्रमों में बढ़ रहे बुजुर्ग
Prayagraj News - प्रयागराज में संयुक्त परिवारों का टूटना एक गंभीर समस्या बन गया है। शहरीकरण और आधुनिक जीवनशैली के कारण वृद्धाश्रमों में बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है। वर्तमान में शहर के दो वृद्धाश्रमों में 137...
प्रयागराज। कुछ रिश्तों का कोई मोल नहीं होता। यूं तो जीवन में कई लोग मिलते हैं। पर परिवार की तरह कोई अनमोल नहीं होता..। सच है कि जीवन में परिवार सबसे अनमोल निधि है। लेकिन परिवार की जो सबसे अहम कड़ी है वह है संयुक्त परिवार। बढ़ते शहरीकरण, आधुनिक जीवन शैली, आर्थिक स्वतंत्रता, महिलाओं की स्थिति में बदलाव व पीढ़ियों के बीच विचारों के टकराव से संयुक्त परिवार टूटते जा रहे हैं। संयुक्त परिवार के टूटने से वृद्धाश्रमों में बुजुर्गों की संख्या भी बढ़ रही है। शहर के दो वृद्धाश्रम में इस समय 137 बुजुर्ग रहते हैं। इसमें 65 ऐसे बुजुर्ग हैं, जो एकल परिवार से हैं।
इन बुजुर्गों के बेटा-बहू व बेटी-दामाद ने किसी न किसी कारण से साथ छोड़ दिया।
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