मनुष्य को पूर्ण बनाता है लेखन: कुलपति
Prayagraj News - प्रयागराज में इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने कहा कि लेखन मानव को पूर्ण बनाता है। 'क्रिएटिव इंग्लिश राइटिंग' पर आयोजित कार्यशाला में उन्होंने रचनात्मकता के महत्व पर जोर...

प्रयागराज, कार्यालय संवाददाता। पढ़ना स्वयं में पूर्ण नहीं है, लेखन मनुष्य को पूर्ण बनाता है। यह बात इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने कही। वह गुरुवार को ‘क्रिएटिव इंग्लिश राइटिंग विषय पर आयोजित दो दिनी कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि लिखते समय हमारे दिमाग में सैकड़ों शब्द आते हैं लेकिन कुछ ही शब्दों का प्रयोग हम लेखन में कर पाते हैं। रचनात्मकता हमारे जीवन का अहम अंग है, लेखन हमें स्वयं के भीतर छुपे कौशल को विकसित करने के मौके देता है। कुलपति ने कश्मीर में हुए हृदय विदारक आतंकी हमले की निंदा की। तत्पश्चात उपस्थित लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं के लिए प्रार्थना की।
मुख्य वक्ता साहित्य अकादमी पुरस्कृत लेखिका प्रो. नीलम सरन गौर ने कहा कि इविवि से उनका हृदय से जुड़ाव है। यहां आकर वह अपनापन महसूस करतीं हैं। लेखक भगवान की ओर प्रदत्त एक उपहार है। उन्होंने कहा कि दुखी मन से अच्छे साहित्य का सृजन होता है। प्रो. एसआई रिजवी ने पृथवी और इसके बाद मानव की उत्पत्ति पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में 140 विद्यार्थियों से आवेदन किया था, इसमें से केवल 25 विद्यार्थियों को चयन किया गया है। इस अवसर पर डॉ. अरूप, डॉ. शैफाली नंदन, कुलसचिव प्रो. आशीष खरे, प्रो. बेचन शर्मा, प्रो. हर्ष कुमार, प्रो. जया कपूर और प्रो. अजय कुमार जेटली आदि मौजूद रहे।
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