Sambhal violence SIT detained head Jama Masjid arrest possible after interrogation संभल हिंसा में बड़ा ऐक्शन, एसआईटी ने जामा मस्जिद के प्रमुख जफर अली को किया गिरफ्तार, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Sambhal violence SIT detained head Jama Masjid arrest possible after interrogation

संभल हिंसा में बड़ा ऐक्शन, एसआईटी ने जामा मस्जिद के प्रमुख जफर अली को किया गिरफ्तार

  • संभल हिंसा मामले में एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस द्वारा पहले नोटिस जारी किए जाने के बाद रविवार को जामा मस्जिद के सदर एडवोकेट जफर अली को गिरफ्तार कर लिया है।

Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तान, संभलSun, 23 March 2025 04:14 PM
share Share
Follow Us on
संभल हिंसा में बड़ा ऐक्शन, एसआईटी ने जामा मस्जिद के प्रमुख जफर अली को किया गिरफ्तार

पिछले साल नवंबर में हुई संभल हिंसा मामले में एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई की है। शाही जामा मस्जिद में पिछले साल सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के मामले में एसआईटी ने रविवार को कोतवाली में करीब चार घंटे की पूछताछ के बाद जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट को गिरफ्तार कर लिया। सदर पर भीड़ इकट्ठा कर हिंसा भड़काने का आरोप है। सदर की गिरफ्तारी की जानकारी होते ही कोतवाली में भीड़ जुट गई। जिस पर पुलिस- प्रशासन ने एहतियातन पांच थानों की फोर्स के साथ पीएसी और आरआरएफ बल तैनात कर दिया। अफसर भी कोतवाली में डेरा जमाए रहे। उधर सदर से मिलने कोतवाली पहुंचे उनके भाई ने पुलिस पर माहौल खराब करने का आरोप लगाया। शाम को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सदर को मेडिकल के बाद चन्दौसी में कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान अधिवक्ताओं की कोर्ट में अंदर जाने के लिए पुलिस से नोकझोंक भी हुई। बाद में कोर्ट ने न्यायिक अभिरक्षा में सदर जफर अली को जेल भेज दिया।

सदर के भाई बोले, पुलिस नहीं चाहती कि शहर में शांति रहे

जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफ़र अली एडवोकेट के बड़े भाई ताहिर अली एडवोकेट कोतवाली में जफ़र अली से मिलने पहुंचे। सदर से मिलने के बाद उन्होंने बताया कि न्यायिक आयोग में सोमवार को जफ़र अली को अपना बयान देना था, पुलिस चाहती है कि ब्यान नहीं दें, लेकिन वह वही बयान देंगे जो उन्होंने दिया था कि हिंसा के दौरान पुलिस ने ही गोली चलाई थी। जफ़र अली चाहते हैं कि संभल में शांति रहे लेकिन पुलिस प्रशासन नहीं चाहता कि शांति रहे। पुलिस उन्हें जेल भेजने की तैयारी कर रही है। उन्होंने एएसपी से कहा कि आप शहर में तनाव बढ़ाना चाहते हैं। एएसपी श्रीश्चन्द्र ने बताया कि शहर में पूरी तरह शांति है।

बुलाने के बाद भी लखनऊ में हाजिर नहीं हुए थे जामा मस्जिद के सदर

शाही जामा मस्जिद में 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा की जांच कर रहे त्रि-सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग ने शाही जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट, मसूद अली फारूकी एडवोकेट और कासिम जलाल एडवोकेट को 11 मार्च 2025 को लखनऊ में पेश होने का आदेश दिया था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए। इस पर आयोग ने फिर से समन जारी कर 20 मार्च को उपस्थित होकर साक्ष्य अंकित कराने के निर्देश दिए थे। अब तक आयोग ने संभल में चार दौरे पूरे कर 160 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। चौथे दौरे में डीएम, एसडीएम समेत 45 अधिकारियों और लोगों के बयान दर्ज हुए थे। बचे हुए गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए अब लखनऊ में उपस्थित होकर साक्ष्य प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

ये है पूरा मामला

24 नवंबर 2024 को संभल की शाही जामा मस्जिद में दूसरे दौर के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और 29 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। हालात को काबू में करने के लिए भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए न्यायिक जांच आयोग का गठन किया। न्यायिक जांच आयोग की अध्यक्षता हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज देवेंद्र अरोड़ा कर रहे हैं। उनके साथ पूर्व डीजीपी ए.के. जैन और रिटायर्ड अपर मुख्य सचिव अमित मोहन सदस्य हैं। आयोग ने अब तक कई अहम साक्ष्य जुटाए हैं और जल्द ही इस घटना की पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक की जा सकती है।

संभल एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया, 24 नवंबर को हुई हिंसा में दर्ज मुकदमे में जामा मस्जिद के सदर जफर अली को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। उन्हें शनिवार देर रात भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था और धार्मिक क्रियाकलाप करने के लिए उन्हें छोड़ दिया गया था। रविवार सुबह दोबारा से पूछताछ के लिए लाया गया और उन्हें पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।

अब तक की जांच में क्या हुआ?

1 दिसंबर: आयोग ने हिंसा प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर प्रशासनिक अधिकारियों से जानकारी ली।

21 जनवरी: टीम ने मस्जिद क्षेत्र का निरीक्षण किया, जहां विदेशी कारतूस भी मिले। इस दौरान 21 पुलिसकर्मियों समेत 60 लोगों के बयान दर्ज किए गए।

30 जनवरी: तीसरी बार आई टीम ने स्वास्थ्य, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के बयान दर्ज किए, जिनमें एएसपी श्रीशचंद्र और डिप्टी कलेक्टर रमेश बाबू शामिल रहे।

2 मार्च: चौथी बार दो दिवसीय दौरे में आयोग ने डीएम, एसडीएम समेत 45 के बयान दर्ज किए थे। 77 लोगों के वीसी से बयान दर्ज किए।