नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 वर्ष का कठोर कारावास
Sambhal News - न्यायालय ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में एक युवक को 20 वर्षों की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दो अन्य आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त कर दिया। यह मामला 26 मई 2022 का है।...

न्यायालय ने नाबालिग से दुष्कर्म के एक गंभीर मामले में अहम फैसला सुनाया है। विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कोर्ट ने शुक्रवार को एक युवक को नाबालिग के साथ दुष्कर्म का दोषी पाते हुए 20 वर्षों के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। कोर्ट ने दो आरापियों को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त कर दिया। मामला 26 मई 2022 का है। जब थाना रजपुरा क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने अपनी 15 वर्षीय पुत्री के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि उसकी पुत्री को तीन युवक बहला-फुसलाकर भगा ले गए।
तब किशोरी के माता पिता बाजार गए हुए थे। जाते समय पुत्री 12 लाख रूपये, दो सोने की चेन अपने साथ ले गई। किशोरी नाराज होकर घर से गई थी। जांच के दौरान किशोरी द्वारा बताई गई कहानी झूठी पाई गई। मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट की अदालत में हुई। सहायक शासकीय अधिवक्ताओं नरेंद्र यादव और आदित्य सिंह ने पीड़िता की ओर से प्रभावी पैरवी की। कोर्ट ने विचारण के बाद साक्ष्य के अभाव में दो आरोपियों तेजपाल और नत्थू सिंहको दोषमुक्त कर दिया। लेकिन तीसरे आरोपी, गांव के ही युवक नेत्रपाल को पाक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत दोषी करार दिया गया। न्यायालय ने कहा कि नाबालिगों के विरुद्ध अपराधों में कठोर दंड ही समाज में संदेश देता है कि कानून से बचा नहीं जा सकता। पीड़िता के परिवार ने फैसले को न्याय की जीत बताया है और उम्मीद जताई कि यह फैसला समाज के अन्य लोगों के लिए एक चेतावनी बनेगा।
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