इंद्र का घंमड चूर करने के लिए कृष्ण ने उठाया गोवर्धन पर्वत
Sambhal News - चन्दौसी में श्रीमद भागवत कथा के दौरान, भगवान ने इंद्र के गर्व को दूर करने के लिए गोवर्धन पूजा शुरू की। इंद्र के गुस्से में भारी बारिश हुई, लेकिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर लोगों को बचाया।...

चन्दौसी। इंद्र को अपनी शक्ति व सत्ता का घमंड हो गया था। उसका गर्व दूर करने के लिए भगवान ने ब्रज मंडल में इंद्र की पूजा बंद कर गोवर्धन की पूजा शुरू करा दी। इससे गुस्साए इंद्र ने ब्रज मंडल पर भारी बरसात कराई। यह सदविचार कथा व्यास शिवशंकर भारद्वाज ने श्रीमद भागवत कथा के दौरान व्यक्त किए। आवास विकास, पुष्प विहार अहिल्याबाई पार्क में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन कथा व्यास बताया कि जल प्रलय से लोगों को बचाने के लिए भगवान ने कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। सात दिनों के बाद इंद्र को अपनी भूल का एहसास हुआ और भगवान कृष्ण से क्षमा याचना की। सातवें दिन भगवान ने गोवर्धन को नीचे रखा और प्रतिवर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी। तभी से यह उत्सव गोवर्धन पूजा के नाम से मनाया जाने लगा। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाए जाने वाले गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा के रूप में भी जाना जाता है। कथा के दौरान संगीतमय भजनों पर श्रद्धालु महिलाओं ने भावविभोर कर नृत्य भी किया। कथा में आशुतोष शुक्ला, दीप्ति शर्मा, श्रीमती मंजू शर्मा, अभिषेक शुक्ला, पंकज शर्मा, निर्दोष शर्मा, प्रमोद शुक्ला, पूनम सिंह, कंचन शुक्ला, अभिलाष शुक्ला, पूनम मिश्रा,आयुषी शुक्ला,अशोक शर्मा, कुमुद शर्मा मौजूद रहे।
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