सिरसी में निकला ऐतिहासिक ‘मदीने से सफर जुलूस, अजादारों ने किया मातम
Sambhal News - शिया समुदाय ने माहे रजब की 28 तारीख को हजरत इमाम हुसैन के मदीने से करबला के सफर की याद में जुलूस निकाला। इस दौरान बड़ी संख्या में अजादार शामिल हुए और गम का इज़हार किया। इमाम बारगाह में मजलिस का आयोजन...

शिया समुदाय ने माहे रजब की 28 तारीख को हजरत इमाम हुसैन के मदीने से करबला के सफर की याद में पारंपरिक जुलूस निकाला। इस मौके पर बड़ी तादाद में अजादारों ने शिरकत की और इमाम हुसैन व उनके साथियों की कुर्बानी को याद करते हुए गम का इज़हार किया। मोहल्ला बाजार में स्थित इमाम बारगाह हजरत अब्बास में मजलिस का आयोजन किया गया, जिसमें मौलाना कंबर अब्बास ने खिताब किया। उन्होंने बताया कि हजरत इमाम हुसैन अपने परिवार और साथियों के साथ मदीने से करबला के लिए इसी दिन रवाना हुए थे। इस सफर में बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं। मजलिस के बाद हसन अब्बास और जैन अब्बास की ओर से ‘मदीने से सफर जुलूस बरामद हुआ। इस जुलूस में काजिम अली, अकबर हुसैन और अख्तर सिरसीवी ने ऐतिहासिक नोहा पढ़कर माहौल ग़मगीन कर दिया। यह जुलूस निर्धारित रास्तों से होता हुआ इमाम बारगाह कला गर्बी पर समाप्त हुआ। दूसरी ओर, मोहल्ला शर्की के अजाखाना जामाए इमाम मेहंदी में भी मजलिस का आयोजन हुआ। यहां वकार मेहंदी और उनके साथियों ने मरसिया पढ़ा। जबकि मौलाना जावेद अब्बास ने मजलिस को संबोधित किया। इसके बाद यहां से ‘मदीने से सफर जुलूस निकाला गया। जो इमाम बारगाह सादात से होता हुआ कर्बला मोहल्ला शर्की सादात पहुंचा। इस दौरान अंजुमन जुल्फकारे हैदरी ने नोहा पढ़ा और मातम किया। पूरे जुलूस में या हुसैन, या हुसैन की सदाएं गूंजती रहीं।
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