पूर्व विधायक राकेश सिंह डेढ़ दशक बाद हुए दोषमुक्त
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर, विधि संवाददाता। जिले के चर्चित बेलहर कला कब्रिस्तान कांड के आरोपी पूर्व विधायक

संतकबीरनगर, विधि संवाददाता। जिले के चर्चित बेलहर कला कब्रिस्तान कांड के आरोपी पूर्व विधायक राकेश सिंह बघेल को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट व विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए चेतना त्यागी की कोर्ट ने पन्द्रह साल बाद संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करने का फैसला सुनाया। कब्रिस्तान के बाउण्ड्री वाल विवाद में उप निरीक्षक लालजी, औरंगजेब, कुर्बान अली एवं अब्दुल गनी ने अभियोग पंजीकृत कराया था। इस प्रकरण में एसडीएम मेंहदावल, पुलिस क्षेत्राधिकारी एवं पीएसी के वाहन को क्षतिग्रस्त करने का आरोप लगाया गया था। प्रकरण में कुल 47 आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित था। मामले में 42 आरोपी दिनांक 19 अगस्त 2023 को दोषमुक्त हो चुके हैं।
मामला जिले के तत्कालीन बखिरा थाना क्षेत्र के ग्राम बेलहरकला का था। वर्तमान समय में बेलहर कला थाना एवं नगर पंचायत बन चुका है। प्रकरण में उप निरीक्षक लालजी के अलावा औरंगजेब, कुर्बान अली पुत्रगण मोहब्बत अली एवं अब्दुल गनी पुत्र भुलई ने अभियोग पंजीकृत कराया था। वादी उप निरीक्षक लालजी का आरोप था कि 27 मार्च 2010 को हमराही पुलिस कर्मियों के साथ बेलहर कला में मौजूद था। तहसीलदार मेंहदावल प्रेम तिवारी, कानूनगो जितेन्द्र सिंह समेत अन्य लेखपाल एवं पुलिस बल की उपस्थिति में पैमाइश होना था। कब्रिस्तान की बाउण्ड्री वाल से सटे उदयराज शर्मा, हरि प्रसाद शर्मा पुत्रगण राम आसरे एवं योगेश्वर पुत्र शिवनन्दन की भूमि थी। पैमाइश के दौरान राकेश सिंह बघेल ब्लाक प्रमुख, वेद प्रकाश सिंह, चन्द्रशेखर पांडेय समेत 45 नामजद और अन्य लोग भड़काऊ भाषण देने लगे। सार्वजनिक मार्ग अवरुद्ध हो गया। पैमाइश बंद हो गई। अपर पुलिस अधीक्षक, एसडीएम मेंहदावल एवं सीओ ने समझाने का प्रयास किया । इसी बीच हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता ईंट पत्थर फेंकने लगे। अफरा-तफरी का माहौल हो गया। विवाद के दौरान एसडीएम मेंहदावल का वाहन, सीओ का वाहन तथा पीएसी का वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। औरंगजेब, कुर्बान अली एवं अब्दुल गनी ने घर में घुसकर तोड़फोड़ करने, मारने पीटने, जनरेटर जलाने का आरोप लगाया था। पुलिस ने विवेचना के उपरांत 47 आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। विचारण के दौरान चार आरोपियों की मृत्यु हो गई। राकेश सिंह बघेल की पत्रावली अलग हो गई थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट व विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए चेतना त्यागी की कोर्ट ने पक्षों की बहस सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के पश्चात आरोपी राकेश सिंह बघेल को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करने का फैसला सुनाया।
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