पौधरोपण अभियान तो चले खूब, लेकिन नहीं बढ़ पा रहा वन क्षेत्र
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर में हर साल पौधरोपण के अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन जीवित पौधों की दर केवल 2 प्रतिशत है। वन विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि 2021 में वन क्षेत्र में केवल 2.46 हेक्टेयर की वृद्धि हुई। पौधों...
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में प्रति वर्ष धरा को हरा भरा करने के लिए विभागों के द्वारा पौधरोपण करने के लिए खूब अभियान चलाया जाता है। कागजों में तो विभागों के द्वारा पौधरोपण तो किया जाता है लेकिन धरा पर महज दो प्रतिशत पौधे जीवित हैं। इसका उदाहरण वन विभाग के आंकड़ा से लिया जा सकता है। जिले में कुल वन क्षेत्र 1387.03 हेक्टेयर है। वर्ष 2021 में महज 2.46 हेक्टेयर वन क्षेत्र में वृद्धि हुई थी। इसके बाद वन क्षेत्र में वृद्धि नहीं हुई। पौधरोपण करने के लिए सरकार के द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत जुलाई माह से अभियान चलाकर पौधों को रोपित किया जाता है।
रोपण करने के लिए पौधों को तैयार करने की जिम्मेदारी वन विभाग को दी जाती है। जनपद में 23 पौधशाला है। इनमें इन दिनों करीब चालीस लाख पौधों को तैयार किया जा रहा है। जिसे जुलाई माह में सरकार के निर्देश पर विभिन्न विभागों को वितरित किया जाएगा। इस अभियान में तो मनरेगा योजना से करोड़ों रूपये खर्च किए जातेहैं। जिम्मेदार केवल पौधों को लागाने तक ही अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हैं। उसके बाद पौधों की देखभाल करना कोसों दूर हो जाता है। सबसे अधिक खराब स्थित तो वन विभाग व ग्राम्य विकास विभाग की है। इन दोनों विभागों में पौधरोपण करने के लिए लाखों रूपये का भुगतान किया जाता है लेकिन इसका परिणाम शून्य के बराबर रहता है। वर्ष 2021 में 26 लाख 74 हजार 635 पौधे लगाए गए। वर्ष 2022 में 27 लाख 94 हजार 868 पौधे लगाए गए। वर्ष 2023 में 29 लाख 16 हजार 196 पौधे लगाए गए। वर्ष 2024 में 29 लाख 15 हजार 240 पौधे लगाए गए। इसके बाद भी हालात दयनीय बने हैं।
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