जन्म के साथ ही तय हो जाता है बच्चे को कब लगेगा टीका
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर जिले में बच्चों को समय पर वैक्सीन उपलब्ध हो रही है। गर्भवती महिलाओं को भी टीके लग रहे हैं जिससे मृत्यु दर में कमी आई है। 58870 बच्चों को प्रतिरक्षित करने का लक्ष्य है और सभी टीके समय पर...

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिला मुख्यालय पर समय से पहले बच्चों को लगने वाली वैक्सीन उपलब्ध हो जा रही है। बच्चों को समय से टीका भी लग जा रहा है। जिले में टीके की कोई कमी नहीं है। अब देश 21वीं सदी में है। इस कम्प्यूटर युग के नाम से जाना जाता है सारी व्यवस्थाएं इतनी हाईटेक हो गई है कि गर्भ में बच्चों की पहचान होते ही तय हो जाता है कि इसका जन्म कब होगा और जन्म के बाद कब-कब इसे कौन-कौन सा टीका लगेगा। समय से टीके आने के साथ ही पहले से व्यवस्था होने की वजह से वैक्सीन भी खराब नहीं हो रही है।
मैनपावर अधिक होने के कारण समय से बच्चों तक टीम पहुंचकर उन्हें प्रतिरक्षित कर दे रही है। इसकी वजह से मृत्यु दर में भारी गिरावट आई है। एसीएमओ डॉ बी के सोनी ने बताया कि पेट में बच्चा आने के 3 महीने पर गर्भवती महिलाओं को टीटी का पहला टीका लग जाता है और एक महीने बाद टीटी का दूसरा टीका भी लगाया जाता है। जांच के बाद पहला टीका लगते ही यह तय हो जाता है कि अगले 6 महीने बाद किस महीने में महिला का प्रसव होगा और प्रसव के बाद बच्चों को कौन से टीका की जरूरत होगी। यानी मां के पेट में बच्चा आने के दौरान ही आने वाले नन्हे मेहमान के लिए पोलियो, बीसीजी की खुराक एडवांस में मंगा ली जाती है। जिले में जानलेवा बीमारियों से नौनिहालों को बचाने के लिए पोलियो, पेंटा वैलेंट, पेंटा बीसीजी और एमआर का टीका लगाया जाता है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 58870 बच्चों को प्रतिरक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। इन बच्चों को जन्म लेने के साथ ही पोलियो को खुराक दी जाएगी। जन्म के 72 घंटे के अंदर ही बीसीजी का टीका भी लगा दिया जाएगा। 58870 बच्चों को पेंटावेलेंट की वैक्सीन लगाई जानी है नियमित अंतराल पर यह वैक्सीन जिला मुख्यालय पर पहुंचती रहेगी जिन्हें मेंटेन करने के लिए डीप फ्रीजर में रखा जाएगा। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बी के सोनी ने कहा कि जिले में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। जन्म के साथ ही बच्चों का प्रतिरक्षण अभियान शुरू हो जाता है। इसके लिए समय-समय पर विशेष कैंप का भी आयोजन किया जाता है। वर्ष में 90% से अधिक बच्चों को टीका लगाया गया था। 17% बच्चों को प्रतिरक्षित करने का लक्ष्य है। महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ मुबारक अली ने बताया कि बच्चों को पांच घातक रोगों से बचने के लिए पेंटा का टीका लगाया जाता है। इस टीका को लगने से बच्चों को गला घोंटू, काली खांसी, टिटनेस, हेपेटाइटिस बी और हीमोफीलिक्स इन्फ्लूएंजा टाइप बी से बचाव होता है। ऐसे में बच्चों को अनिवार्य रूप से पेंटा का टीका जरूर लगवाना चाहिए।
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