ज्ञान का अंहकार प्राणी को कठोर बना देता है - कथा व्यास
Shamli News - थाना भवन नगर के दयाल आश्रम में महाशिवरात्रि के अवसर पर एक सप्ताह तक श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया गया। कथा व्यास मनोज जी महाराज ने गोपीगीत का महत्व बताया। भगवान श्रीकृष्ण और रूकमणी जी की कथा सुनकर...

थाना भवन नगर में स्थित दयाल आश्रम में महाशिवरात्रि कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित एक सप्ताह तक श्रीमद भागवत कथा मे कथा व्यास ने भागवत श्रीमद् भागवत के विषय में जानकारी दी। थानाभवन के दयाल आश्रम में आयोजित भागवत कथा के छठे दिन सहारनपुर से पधारे कथाव्यास मनोज जी महाराज ने कहा कि गोपीगीत का पाठ करने से गोपीनाथ भगवान के दर्शन होते है। भक्ति में वह शक्ति है जो ह्रदय के रूदन को भी गीत बनाकर प्रस्तुत कर देती है। बृज से विदाई लेते समय भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी बाँसुरी राधारानी के चरणों मे रख दी। मुरलीधर ही योगेश्वर कहलाते हैं। ज्ञान का अंहकार प्राणी को कठोर बना देता है। गोपियों ने ऊद्धवजी को भक्ति ओर प्रेम का पाठ पढाकर उके ज्ञान को सरस बना दिया। विद्ध्या में विनम्रता भी होनी चाहिए। भगवान को प्राप्त करने के लिए ही मनुष्य जीवन मिला है। भगवान भाग्य को संवार देते हैं! नारद जी से भगवान के गुणों की कथा सुनकर रूकमणी जी ने भगवान द्वारिकाधीश को पति रूप मे प्राप्त किया! रूकमणी-मंगल की कथा सुनकर सभी के नैत्र सजल हो गये। इस अवसर पर अपार आनन्द आया। भारी संख्या में श्रोतागण कथा में पहुंच रहे हैं। इस अवसर पर यशपाल नारंग, संजीव चावला, मदन नारंग, सुभाष नारंग, जितेंद्र नारंग, पप्पू मेहता सहित अपार संख्या में श्रोतागण भक्तजन उपस्थित रहे।
24एसएमएल 13 भागवत कथा के दौरान कथा व्यास
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