चौतरफा फैला है साइबर ठगों का जाल
Shamli News - साइबर अपराध दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। ठगों ने ट्रेडिंग और फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने जैसे मामलों में जाल फैला लिया है। अप्रैल से अब तक 12 मामले साइबर थाने में दर्ज हुए हैं, लेकिन कोई खुलासा नहीं हुआ है।...

साइबर क्राइम दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। साइबर क्राइम जहां ठगों के लिए जितना आसान साबित हो रहा है। इसमें ठगी जहां एक क्लिक के साथ ही हो जाती है वहीं इसका खुलासा एवं पुलिस गिरफ्त में फंस का रास्ता उतना ही टेढ़ा है। इसलिए साइबर ठगों ने चौतरफा अपना जाल फैला लिया है, लेकिन अब एकाएक ट्रेडिंग साइबर ठगी के मामले बढ़ गए है। शेयर मार्केट में पैसा लगाने अथवा अन्य प्रलोभन देकर लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। जनपद में साइबर क्राइम का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। साइबर क्राइम जितना आसान है इसका खुलासा उतना ही कठिन है।
यहीं कारण है कि जिले में अप्रैल से लेकर अब इस साल 12 मामले साइबर थाने में दर्ज हो चुके है लेकिन इनमें से खुलासा एक का भी नहीं हुआ है। लगभग इतने ही मामले पेंडिग पड़े है। कारण इसकी तफ्तीश विस्तृत है। साइबर ठग कहीं पर भी बैठकर किसी को भी अपना शिकार बना सकते है। दूसरे साइबर ठग अधिकतर रुपये का लेनदेन भी फर्जी बैंक खातों से करते है इसलिए उन तक पहुंचना कठिन काम होता है। पुलिस के पास संसाधनों की कमी भी खुलासे में बड़ी अड़चन है। इन सबके चलते साइबर ठग ठगी के नए नए प्रयोग ईजाद कर रहे है। ट्रेडिंग के नाम पर कैराना में गत दिनों कुछ व्यापारियों से 23 लाख रुपये की ठगी का मुकदमा दर्ज किया गया। इसमें शेयर मार्केट का भी फंडा समझाया जाता है। आयुष्मान कार्डों में भी साइबर ठग सक्रिय जनपद में फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने के मामलों का खुलासा हो चुका है। चार से दस हजार रुपये लेकर फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने के मामले सामने आए। इस मामले में नोडल अधिकारी द्वारा मुकदमे भी दर्ज किए गए। जिसमें दो लोगों को पकड़ा गया था। प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर भी साइबर ठगी मोहल्ला गगन विहार निवासी राधेश्याम सैनी ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए फार्म भरा था। उनके पुत्र राजू सैनी के मोबाइल फोन पर एक फाइल आई। साथ में एक संदेश भी था। जिसमें लिखा था कि आवास योजना का लाभ लेने के लिए यह फाइल है। इसमें लिस्ट में अपना नाम चैक कर सकते है। जैसे ही युवक ने फाइल पर क्लिक किया तो मोबाइल हैक हो गया और खाते से 580 रुपये कट गए। पीड़ित ने इस संबंध में साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई है। मोबाइल गेम्स के जरिए भी साइबर ठगी शामली। मोबाइल गेम्स के जरिए भी साइबर ठग किशोर से लेकर युवाओं को ठगी काा शिकार बना रहे है। फ्री गेम ऑफर, फेक लिंक या ओटीपी शेयर के बहाने के बहाने ठगी कर रहे है। कैराना क्षेत्र में रहने वाले एक 13 वर्षीय बच्चे को ऑनलाइन गेम में मुफ्त गिफ्ट का लालच दिया गया, लेकिन परिजनों की जागरुकता के चलते ठग अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए। इस तरह से शामली निवासी एक व्यक्ति ने साइबर सेल को शिकायत की थी कि उसके बेटा ऑनलाइन गेम खेल रहा था। इस दौरान उसके बैंक खाते से 10 हजार रुपये कट गए थे। स्क्रीन शेयरिंग का भी जाल बिछा शामली : यह फंडा भी खूब चल रहा है। इसमें सबंधित लोगों को उसी से संबंधित कामकाज एवं परिचित नाम बताकर बातचीत करते है। साथ ही एनी डेस्क ऐप डाउनलोड करने की बात करते है। कुछ माह पहले जिला विद्यालय निरीक्षक को भी विभाग का बताते हुए फोन कॉल किया गया था लेकिन वह सब माजरा समझ गए और साइबर ठगों के चंगुल में नहीं फंसे। उन्होंने तुरंत पुलिस से इसकी शिकायत की थी। -------- बरते सावधानियां अपने मोबाइल वालेट का चयन सावधानी से करें। नियम और शर्तें जरूर पढ़ें। -इंटरनेट पर वालेट के कस्टमर रिव्यू पढ़ें। मोबाइल एप को सुरक्षित जगह से डाउनलोड करें, जैसे प्ले स्टोर। -डेबिट, क्रेडिट और एटीएम कार्ड नंबर व पिन किसी से शेयर न करें। -अगर आपको विद्युत कनेक्शन कटने का संदेश मिलता है और मोबाइल नंबर दिया हो तो ऐसे नंबर पर काल न करें। -कोई भी स्क्रीन शेयरिंग एप किसी के लिए अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड न करें। - बच्चों के मोबाइल इस्तेमाल करने के दौरान निगरानी रखे -------- कोट जनपद में लगातार लोगों को जागरुक किया जा रहा है। जो मामले दर्ज हुए है उन पर काम किया जा रहा है। कुछ मामलों में आरोपी को धारा 41 के नोटिस जारी किए जा रहे जो खुलासे की ओर है। सीमा शर्मा, थाना प्रभारी साइबर थाना
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