हिंदू लड़कियो को फंसाने वाले मुस्लिम युवक की जांच को SIT बनी, मोबाइल में दर्जनों अश्लील वीडियो
हिंदू लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाने और उनकी अश्लील तस्वीरें और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालने के आरोप में गिरफ्तार मुस्लिम युवक की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है।

उत्तर प्रदेश के मथुरा में ईद पर सोशल मीडिया पर भड़काऊ संदेश साझा करने के आरोप में गिरफ्तार मुस्लिम युवक के मोबाइल फोन में दर्जनों हिंदू लड़कियों और महिलाओं से जुड़ी आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो मिलने से हड़कंप हैं। युवक ने खुद को हिंदू बताकर हिंदू लड़कियों व महिलाओं को प्रेमजाल में फंसाया और उनकी अश्लील फोटो तथा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) श्लोक कुमार ने बताया कि डिजिटल साक्ष्य बरामद होने के बाद मामला गंभीर हो गया और इसकी जांच के लिए एक विशेष टीम (एसआईटी) बनाई गई है।
पुलिस के अनुसार ईद के अवसर पर सांप्रदायिक और भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट के बारे में स्थानीय हिंदू नेताओं द्वारा शिकायत दिए जाने के बाद रविवार को मथुरा के कोतवाली क्षेत्र के मछली मंडी निवासी एवं ऑटोरिक्शा चालक इमरान को हिरासत में लिया गया था। उसने बताया कि इमरान की गिरफ्तारी के बाद, हिंदू संगठन ने आरोप लगाया कि आरोपी युवक ''लव जिहाद'' में शामिल था। मुस्लिम युवकों द्वारा हिंदू लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाना और उसके बाद प्रताड़ित करने को दक्षिणपंथी कार्यकर्ता 'लव जिहाद' कहते हैं।
पुलिस ने बताया कि इन आरोपों के आधार पर इमरान के मोबाइल फोन को फॉरेंसिक जांच के लिए साइबर मुख्यालय भेजा गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया, ''शुरुआती जांच में पता चला कि उसने अपने सोशल मीडिया 'डिस्प्ले पिक्चर (डीपी)' में से एक पर लिखा था, 'जितनी औरों की कुल उम्र नहीं होती, उससे ज्यादा तो मेरी गर्लफ्रेंड हैं'। हमें उसके मोबाइल फोन पर हिंदू महिलाओं की आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो भी मिले हैं।''
उन्होंने बताया कि इमरान ने महिलाओं को फंसाने के लिए ऑनलाइन फर्जी पहचान का इस्तेमाल किया और बाद में अश्लील सामग्री को विभिन्न मंचों पर साझा किया। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया कंपनियों को इमरान के सभी खाते और उनसे जुड़े 'यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर' (यूआरएल) की जानकारी देने के लिए ईमेल भेजे गए हैं।''
एसएसपी ने कहा, ''फोन रिकॉर्ड के आधार पर, हम पीड़ितों की पहचान करने और उन्हें आगे आने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और अगर जरूरत पड़ी तो उनके लिए परामर्श सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।'' इमरान कथित तौर पर 'व्हॉट्सऐप', 'फेसबुक' और 'इंस्टाग्राम' सहित कई सोशल मीडिया मंचों पर सक्रिय था। पुलिस ने अपनी जांच के तहत इन कंपनियों से पिछले तीन सालों की गतिविधि की विस्तृत जानकारी मांगी है।