कंस ने रचा था भगवान श्रीकृष्ण के वध का षड्यंत्र
Sitapur News - ग्राम नहरवल मजरा उमरी गणेशपुर में चल रही साप्ताहिक श्रीमदभागवत कथा के चौथे दिन कथा व्यास अमरनाथ चतुर्वेदी ने भगवान श्रीकृष्ण के अलौकिक कार्यों का वर्णन किया। कंस के द्वारा श्रीकृष्ण का वध करने की...

बहादुरगंज, संवाददाता। ग्राम नहरवल मजरा उमरी गणेशपुर में चल रही साप्ताहिक श्रीमदभागवत कथा के चैथे दिन कथा व्यास अमरनाथ चतुर्वेदी ने भगवान श्रीकृष्ण का चरित्र सुनाते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के किए कार्यों को देखकर लोग आश्चर्यचकित हो जाते थे और उन्हें अलौकिक मानने लगे थे। कंस अपनी सुरक्षा के लिए कृष्ण का अंत करना चाहता था। इस कार्य के लिए उसने जिन लोगों को भेजा उन सब का श्रीकृष्ण ने बाल्यावस्था में ही अंत कर दिया। श्रीकृष्ण को अध्ययन करने के लिए संदीपन गुरु के आश्रम भेजा गया। गुरुकुल में श्री कृष्ण ने अपने गुरु की सेवा करते हुए विद्या प्राप्त की।
श्री व्यास ने कहा कि कंस इस स्थिति को जानता था, उसने भगवान श्रीकृष्ण के वध का षणयंत्र रचा और अक्रूर द्वारा श्रीकृष्ण को बुलवाया। गोकुलवासियों को कंस पर संदेह था और वह नहीं चाहते थे कि श्रीकृष्ण मथुरा जाकर कंस के जाल में फंसे, लेकिन श्रीकृष्ण ने तो अत्याचारियों का अंत करने का संकल्प ही कर लिया था। अतः वह अपने बड़े भाई बलराम के साथ मथुरा पहुंचे और योजना अनुसार मथुरा में मल्लयुद्ध आरंभ हुआ। श्रीकृष्ण ने युद्ध में कंस के चुने हुए पहलवानों को पराजित किया और अंत में उन्होंने कंस का अंत किया। कथा के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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