15 दिन से लापता छात्रा का तालाब से बरामद हुआ शव, कोचिंग के लिए गई थी युवती
शाहजहांपुर में कोचिंग पढ़ने गई युवती हत्या कर शव बोरी में भरकर तालाब में फेंकने मामला सामने आया है। 10 जनवरी को छात्रा लापता हो गई । इस घटना के 14 दिन बाद उसकी लाश बोरी में बंद तालाब से बरामद हुआ है।

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में कोचिंग पढ़ने गई युवती हत्या कर शव बोरी में भरकर तालाब में फेंकने मामला सामने आया है। अर्चना 10 जनवरी को कोरोकुइयां स्थित स्कूल में पढ़ने जाने को घर से निकली थी, उस दिन से वह वापस नहीं लौटी। इस घटना के करीब 14 दिन बाद मंगलवार सुबह रामनगरिया और दयोरिया के बीच तालाब में पड़े बोरे से उसकी लाश पुलिस ने बरामद की। अर्चना की हत्या कर उसका शव बोरी में बंद कर तालाब में फेंक दिया गया था।
ये घटना सिंधौली ब्लाक के गांव शिवनगर की है। मृतका के पिता सुखलाल ने बताया कि उसकी बेटी कक्षा ईडन पब्लिक स्कूल कोरोकुइयां में 12वीं में पढ़ती थी। 10 जनवरी को वह कोचिंग के लिए गई लेकिन देर शाम तक वापस नहीं आई जिसके बाद उसकी तलाशी की गई लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद वह सिंधौली थाने में बेटी की गुमशुदगी की तहरीर लेकर गया, वहां हल्का दरोगा ने उसे आश्वासन दिया कि उसकी बेटी की तलाश की जाएगी।
कई दिन और बीतने के बाद फिर लगातार सुखलाल थाने के चक्कर लगाता रहा, लेकिन पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज नहीं की। सुखलाल ने पुलिस से कहा कि उसकी बेटी के पास मोबाइल भी था, उसकी कॉल डिटेल निकलवाई जाए तो हो सकता है कोई सुराग मिले, लेकिन हल्का दरोगा लगातार सुखलाल को टरकाता रहा। मंगलवार सुबह किसी ने दयूरिया गांव के पास नहर में एक बोरा पड़ा हुआ देखा, जिससे दुर्गंध आ रही थी। तालाब के पास में स्थित मंदिर के पुजारी ने बोरा पड़ा देखा। इसकी जानकारी गांव वालों को दी। इसके बाद पुलिस को बुलाया गया। कुछ देर बाद सुखलाल को भी पता चला कि कोई लाश मिली है तो वह भी देखने पहुंचा। लाश देखकर पहले तो सुखलाल बेसुध होकर गिर पड़ा। चार बहन और और एक भाई सुरजीत(28) तीन बहनों की शादी हो चुकी है, यह सबसे छोटी थी।
पुलिस सख्ती दिखाई होती तो नहीं होती घटना
दस जनवरी को अर्चना के गायब होने के बाद 15 जनवरी को सुखलाल ने बेटी के गायब होने की तहरीर देने गए तो थाने वालों ने प्रार्थना पत्र पर चिड़िया बैठाकर चौकी भेज दिया, चौकी दरोगा ने कहा कि तुम भी ढूंढों, हम भी तलाश करते हैं। पहले ही दिन से पुलिस सक्रिय हो जाती तो यह हत्या होने से बच जाती।
दरोगा दौड़ाता रहा, नहीं दर्ज की गुमशुदगी
सुखलाल ने बताया कि बेटी के लापता होने के बाद चौकी गए, फिर थाने भी गए, लेकिन चौकी का दरोगा इधर-उधर दौड़ाता रहा, लेकिन गुमशुदगी दर्ज नहीं की। कई बार कहाकि मोबाइल को सर्विलांस पर लगा दो। एक न सुनी। वहीं, पुलिस के अनुसार, पुलिस अपना काम कर रही थी।