Kanpur s Vikas Dubey case Verdict punishment announced for 23 accused including financier Jai Bajpai 7 acquitted कानपुर के विकास दुबे कांड में फैसला, फाइनेंसर जय बाजपेई समेत 23 आरोपितों को सजा का ऐलान, 7 दोषमुक्त, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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कानपुर के विकास दुबे कांड में फैसला, फाइनेंसर जय बाजपेई समेत 23 आरोपितों को सजा का ऐलान, 7 दोषमुक्त

विकास दुबे कांड में तीन साल बाद पहला फैसला आ गया है। अदालत ने विकास दुबे के फाइनेंसर जय बाजपेयी समेत 23 आरोपितों को गैंगस्टर मामले में दोषी करार देते हुए दस-दस साल की सजा सुनाई है।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, कानपुरTue, 5 Sep 2023 11:32 PM
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कानपुर के विकास दुबे कांड में फैसला, फाइनेंसर जय बाजपेई समेत 23 आरोपितों को सजा का ऐलान, 7 दोषमुक्त

कानपुर के बहुचर्चित विकास दुबे कांड के बाद गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में नामजद 23 अभियुक्तों को कानपुर देहात की एडीजे-5 कोर्ट ने 10-10 साल की सजा सुनाई है, जबकि सात को बरी कर दिया। यह सभी बिकरू में हुए नरसंहार के मुकदमे में भी नामजद हैं। उस केस की सुनवाई अभी भी जारी है। बिकरू कांड में यह दूसरी सजा सुनाई गई है, इससे पहले श्यामू बाजपेई को पांच साल की कैद हो चुकी है। हत्याकांड में प्रयुक्त असलहों की बरामदगी के समय श्यामू ने भी पुलिस पर गोली चलाई थी। 

दो जुलाई 2020 की देर रात चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। पुलिस ने अलग-अलग मामलों में 41 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जांच के बाद पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की। पुलिस ने गैंगस्टर में 30 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। फाइलें अलग-अलग कर एडीजे-5 दुर्गेश की कोर्ट में सुनवाई हुई। मंगलवार दोपहर अदालत ने फैसला सुनाया।

ये सभी सामूहिक हत्याकांड के मुख्य केस में भी शामिल हैं। डीजीसी राजू पोरवाल व एडीजीसी अमर भदौरिया के मुताबिक सात आरोपियों के दोषमुक्त होने के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे। बिकरू कांड के बाद विकास दुबे समेत छह आरोपित अब तक एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।  

इन 23 को हुई सजा
हीरू दुबे उर्फ धर्मेंद्र, श्यामू बाजपेई, जहान सिंह यादव, दयाशंकर अग्निहोत्री उर्फ कल्लू, बब्लू मुसलमान उर्फ इस्लाम बेग, रामू बाजपेई, शशिकांत पांडेय उर्फ सोनू, शिव तिवारी उर्फ आशुतोष, विष्णुपाल उर्फ जिलेदार, शिवम दुबे उर्फ अजीत उर्फ बीडीसी, रामसिंह यादव, गोविंद सैनी, उमाकांत उर्फ गुड्डन उर्फ बउवन शुक्ल, जयकांत बाजपेई उर्फ जय, शिवम दुबे उर्फ दलाल, धीरेंद्र कुमार धीरू उर्फ धीरज द्विवेदी, मनीष उर्फ बीरू, वीर सिंह उर्फ नन्हू यादव, राहुल पाल, अखिलेश दीक्षित उर्फ श्याम जी, छोटू शुक्ला उर्फ अखिलेश, सुरेश वर्मा व गोपाल सैनी।

ये हुए गैंगस्टर में बरी
राजेंद्र मिश्रा, प्रशांत शुक्ल उर्फ डब्बू, अरविंद उर्फ गुड्डन त्रिवेदी, बाल गोविंद, संजू उर्फ संजय, सुशील तिवारी व रमेश चंद्र।

बिकरू गांव में क्या हुआ था
चौबेपुर क्षेत्र के बिकरू गांव में 2 जुलाई 2020 की रात को सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा ने सर्किल फोर्स के साथ गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी थी। छापेमारी की सूचना लीक होने के चलते गैंगस्टर ने पहले ही अपने शूटरों के साथ जाल बिछा दिया था। पुलिस के गांव में एंट्री करते ही छतों पर मौजूद विकास दुबे और शूटरों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की नृशंस हत्या कर दी गई थी। बाकी पुलिसकर्मियों ने भाग कर अपनी जान बचाई थी।

 इस हत्याकांड ने पूरे देश को हिला दिया था। डीजीपी से लेकर कानपुर में तैनात एसएसपी दिनेश कुमार और आईजी मोहित अग्रवाल एक्शन में आए। विकास दुबे के गैंग के एक के बाद एक 6 बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया गया। 45 आरोपियों को जेल भेजा गया। बिकरू कांड के बाद विकास दुबे और उसके गैंग के सदस्यों, सहयोगियों सहित 91 लोगों के खिलाफ 79 मुकदमें दर्ज किए गए। 

विकास दुबे से संबंधित महिलाओं को भी गिरफ्तार किया गया
बिकरू कांड के बाद गैंग से जुड़े पुरुषों के साथ ही महिलाओं को भी गिरफ्तार किया गया था। इस कांड से तीन दिन पहले ही 29 जून को खुशी दुबे की विकास दुबे के भतीजे अमर से शादी हुई थी। 30 को विदाई हुई थी। अभी खुशी के हाथ की मेहंदी का रंग भी नहीं उतर पाया था और 2 जुलाई को बिकरू कांड हुआ और खुशी को भी अरेस्ट करके जेल भेज दिया गया था।

महीनों जेल में रहने के बाद सुप्रीम कोर्ट से खुशी को जमानत मिली थी। खुशी दुबे के वकील शिवाकांत दीक्षित ने एसआईटी पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि खुशी के खिलाफ गलत तरीके से सिम इस्तेमाल मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। 3 साल इस केस में सिर्फ 4 गवाहों का एग्जामिनेशन हुआ। 

अनंत देव बहाल, 37 पुलिस वालों पर एक्शन
बिकरू कांड में कानपुर के एसएसपी रहे आईपीएस अनंत देव पर भी विभागीय कार्रवाई हुई थी। तीन साल की जांच झेलने के बाद आईपीएस अनंत देव तिवारी को विभागीय क्लीनचिट मिल गई। लापरवाही बरतने के दोषी पाए गए 37 पुलिसवालों पर भी विभागीय ऐक्शन हुआ। इनमें 6 पुलिस वाले तो तीन साल तक उस वेतन पर काम करेंगे, जो उन्हें नौकरी की शुरुआत में मिलता था। दो पुलिस वालों को बर्खास्त किया जा चुका है।
 एसओ विनय तिवारी और बीट चौकी इंचार्ज केके शर्मा को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। एसओ विनय तिवारी और दारोगा ने दबिश की मुखबिरी की थी। इसके बाद ही विकास तिवारी ने प्लानिंग से पुलिस पर हमला किया था।

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