रेल राज्यमंत्री के पीए के लेटर पर VIP कोटे में टिकट, टीटीई ने पकड़ा एजेंट का खेल, विभाग में हड़कंप
दादर एक्सप्रेस में पांच ऐसे यात्री पकड़े गए हैं जिनको वीआईपी कोटा से बर्थ का आवंटन हुआ था। सीट कंफर्म कराने के नाम पर एजेंट ने यात्रियों से 27500 भी वसूले थे। रेल राज्यमंत्री के पीए द्वितीय के पत्र पर इन यात्रियों को एचओ कोटा से सीट आवंटित की गई थी।

यूपी में अफसरों के नाम पर फर्जी पैड के जरिए कोटा कराने की जांच पूरी भी नहीं हो पाई है कि एक और बड़ा मामला प्रकाश में आया है। दादर एक्सप्रेस में पांच ऐसे यात्री पकड़े गए हैं जिनको हेड ऑफिस (वीआईपी) कोटा से बर्थ का आवंटन हुआ था और उन्होंने सीट कंफर्म कराने के लिए एजेंट को 27500 रुपये दिए थे। रेल राज्यमंत्री के पीए द्वितीय के पत्र पर इन यात्रियों को एचओ कोटा से सीट आवंटित की गई थी। टीटीई की रिपोर्ट के बाद क्षेत्रीय मुख्यालय से लेकर रेलवे बोर्ड तक इस मामले की चर्चा हो रही है। वहीं, विभाग में इसे लेकर हड़कंप मच गया है।
बीते छह जून को रेलवे बोर्ड से विभिन्न अफसरों के सिफारिशी पत्र गोरखपुर में कोटे से सीट आवंटन के लिए आए। एक पत्र रेल राज्य मंत्री के पीए द्वितीय की तरफ से आया। पत्र में दादर एक्सप्रेस में एसी थर्ड में पांच सीट कोटे से आवंटित करने के लिए कहा गया था। सीट आवंटित कर दी गई। जब वाराणसी में टीटीई ने संबंधित पीएनआर के यात्री से फार्म भरवाया तो उसने लिखा कि टिकट एजेंट के जरिए कराया था और इसके लिए प्रत्येक टिकट 5500 रुपये दिए थे। टीटीई ने फार्म को मुख्यालय भेजवा दिया।
फर्जी पैड पर कोटा जारी कराने का आया था मामला
रेलवे के वाणिज्य विभाग से टिकट कन्फर्म के लिए एचओ (हेड ऑफिस) कोटा जारी होता है। कुछ दलाल एचओ कोटे से टिकट कन्फर्म कराने में लगे रहते हैं। इसके लिए वे रेलवे अधिकारियों का फर्जी लेटर हेड प्रयोग उसे कोटा आवंटन के लिए भेज देते हैं। कोटा सेल में भीड़भाड़ की वजह से अधिकारी के लेटर हेड पर आवेदन होने के चलते कोटा एलॉट करने वाले अधिकारी को भी शक नहीं होता है। लेकिन, गोरखपुर-यशवंतपुर ट्रेन में इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी के फर्जी लेटर हेड पर भेजे गए आवेदन को संदेह होने पर पकड़ लिया गया था। जांच में पता चला कि वह फर्जी पैड अफसर द्वारा नहीं बल्कि किसी दलाल द्वारा भेजा गया था।