आगरा में डूबने वाली एक लड़की की नवंबर में होनी थी शादी, आठवीं की पढ़ाई कर चुकी थी पूरी
आगरा में डूबने वाली लड़कियों में एक मुस्कान थी। छह माह बाद मुस्कान अपने गांव नगला नाथू से विदा होकर किसी और घर की बहू बनने वाली थी। परिवारवालों ने उसका रिश्ता तय कर दिया था, और नवंबर में शादी की तारीख भी तय हो चुकी थी।

आगरा में डूबने वाली लड़कियों में एक मुस्कान थी। छह माह बाद मुस्कान अपने गांव नगला नाथू से विदा होकर किसी और घर की बहू बनने वाली थी। परिवारवालों ने उसका रिश्ता तय कर दिया था, और नवंबर में शादी की तारीख भी तय हो चुकी थी। घर में उत्सव का माहौल था, पर किसे पता था कि यह खुशी पलभर में मातम में बदल जाएगी। यमुना में डूबने की दर्दनाक घटना ने न सिर्फ जीवन छीना, बल्कि पूरे परिवार के अरमान भी छीन लिए।
मुस्कान, जो अभी कुछ ही महीनों में बालिग होने वाली थी, कक्षा आठ तक पढ़ाई कर चुकी थी। उसके पिता सुरेश कुमार ने बहुत मेहनत और खोजबीन के बाद उसके लिए एक अच्छा रिश्ता तय किया था। शादी की तैयारियां शुरू हो चुकी थीं। परिवार और रिश्तेदार उत्साह से जुटे हुए थे। मुस्कान भी बेहद खुश थी।
वह अपने रिश्ते को लेकर सहेलियों से बातें करती और सपनों की दुनिया में खो जाती। चाची चंचल ने आंखों में आंसू लिए बताया कि मुस्कान की शादी एक नवंबर को देवउठनी एकादशी के दिन होनी थी। लेकिन मंगलवार को जो हादसा हुआ, उसने घर का सारा माहौल बदल दिया। अब जहां शादी की शहनाइयां बजनी थीं, वहां मातम का सन्नाटा पसरा है।
चार बेटियों का अंतिम संस्कार एक साथ हुआ
पोस्टमार्टम के बाद गम और मातम से भरे माहौल में छह किशोरियों का अंतिम संस्कार किया गया। चार का एक साथ व दो का उनके गांवों में किया गया। शवयात्रा में सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए। हर आंख नम थी, हर चेहरा उदास। परिवारजन बिलखते रहे, तो रिश्तेदार और ग्रामीण उन्हें ढांढस बंधाते नजर आए। मंगलवार देर शाम शवों के गांव पहुंचते ही कोहराम मच गया।
नगला नाथू में तीनों बहनें मुस्कान, दिव्या और संध्या-एक साथ पंचतत्व में विलीन हो गईं। नगला रामबल में शिवानी और नगला नहरा में सोनम का अंतिम संस्कार किया गया। पूरे गांवों में मातमी सन्नाटा पसरा रहा। इस दौरान पुलिस बल व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को शांतिपूर्वक सम्पन्न कराया गया।