पिटाई से घायल युवक की मौत, भीड़ का आरोपियों के घर पर धावा
Varanasi News - रामनगर (वाराणसी) में एक युवक की पिटाई से मौत के बाद गोलाघाट के लोग आक्रोशित हो गए। भीड़ ने आरोपी नंदलाल यादव के घर पर धावा बोलकर तोड़फोड़ की, जिसमें एक महिला और युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस की...

रामनगर (वाराणसी), संवाददाता। पिटाई से घायल युवक की मौत पर आक्रोशित गोलाघाट के लोगों ने सोमवार सुबह आरोपियों के घर पर धावा बोल दिया। भीड़ ने मकान में मौजूद लोगों और सामान पर अपना गुस्सा उतारा। इसमें एक महिला और एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद लोगों ने चौक चौराहे पर जाम लगा दिया। मौके पर पहुंचे डीसीपी काशी ने मामले में लापरवाही बरतने पर चौकी इंचार्ज और एक उपनिरीक्षक को निलंबित कर दिया। इसके बाद लोगों का रोष शांत हुआ। बीते 11 मई की रात गोलाघाट निवासी मुकेश चौहान दवा लेने जा रहा था। आरोप है कि रास्ते में नंदलाल यादव ने पत्नी और बेटे के साथ मिलकर लाठी-डंडे से मुकेश को खूब पीटा और अधमरा छोड़कर फरार हो गए।
मुकेश के परिजनों ने पहले उसे एलबीएस अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसे बीएचयू ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। सोमवार सुबह मुकेश की मौत हो गई। इसकी सूचना गोलाघाट पहुंचने पर लोग आग बबूला हो गए। थोड़ी देर में बड़ी संख्या में लोगों ने आरोपी नंदलाल यादव के घर पर धावा बोल दिया। इस दौरान जो भी सामने आया उसकी पिटाई कर दी। आरोपी के परिवार के कुछ लोगों ने भागकर जान बचाई, लेकिन भीड़ के हत्थे चढ़ी नंदलाल की बहन और उसके 35 वर्षीय बेटे को पीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। चौक में चार घंटे तक लगाया जाम आरोपी नंदलाल यादव के घर तोड़फोड़ करने के बाद नाराज लोगों ने चौक पर चक्काजाम कर दिया। करीब चार घंटे तक चले जाम में लोगों ने घटना में शामिल दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार करने, दोषियों को फांसी दिलाने, आरोपियों के मकान पर बुलडोजर चलाने की मांग कर रहे थे। इस दौरान परिजनों ने पुलिस पर भी कई गंभीर आरोप लगाए। आरोप था कि पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन सिर्फ एक आरोपी को गिरफ्तार किया। अन्य आरापियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया। डीसीपी ने की परिजनों से बातचीत सूचना मिलने पर रामनगर थाने के प्रभारी निरीक्षक राजू सिंह मौके पर पहुंचे। डीसीपी काशी गौरव बंशवाल भी मौके पर पहुंच गए। डीसीपी ने लोगों से बात की। इस पर परिजनों ने बताया कि पुलिस ने घटना के बाद लापरवाही की। अभियुक्तों के खिलाफ एक्शन नहीं लिया। इस पर डीसीपी ने तत्काल कस्बा चौकी प्रभारी अमीर बहादुर सिंह और उप निरीक्षक अंशु पांडेय को निलंबित कर दिया गया। इसके बाद जाकर लोगों का गुस्सा शांत हुआ और जाम समाप्त किया। पहले पुलिस ने की थी लापरवाही रामनगर थाने की पुलिस ने मुकेश चौहान की पिटाई के मामले में शुरू से लापरवाही बरती। घटना सामने आने के बाद प्रभारी निरीक्षक ने पहले मारपीट का मुकदमा दर्ज किया था। बाद में विधायक सौरभ श्रीवास्तव के हस्तक्षेप पर मारपीट का मुकदमा 307 में तब्दील किया गया। मुकेश की मौत के बाद अब पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। कैंट विधायक ने जताई नाराजगी मुकेश चौहान की मौत की सूचना मिलने पर कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव भी चक्का जाम स्थल पर पहुंच गए थे। पीड़ित परिवार से मिलकर पूरी जानकारी ली। मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों की लापवाही पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल से बात भी की और कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
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