वट पूजन कर महिलाओं ने मांगा अखंड सौभाग्य
Varanasi News - वाराणसी में ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर महिलाओं ने वट सावित्री का पूजन किया। उन्होंने वट वृक्ष की पूजा के दौरान ब्रह्मा, विष्णु और महेश की आराधना की। व्रति महिलाओं ने परिवार की परंपरा के अनुसार पूजा की...
वाराणसी, मुख्य संवाददाता। ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर सोमवार को महिलाओं ने वट सावित्री का पूजन कर अखंड सौभाग्य की कामना की। वट के तीन हिस्सों में विराजमान ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश की विधानपूर्वक आराधना की। शहर से गांव तक महिलाओं ने पूजन के विधान पूर्ण किए। वटवृक्ष को रोली का तिलक लगाकर चावल, भीगा चना, गुड़ एवं हल्दी आदि अर्पित किया। देसी घी का दीपक जलाया। वट वृक्ष के नीचे बांस के पात्र में सप्तधान्य तथा एक पात्र में सत्य सावित्री की मूर्ति रखकर पूजा की। पारिवारिक परम्परा के अनुसार भैंसे पर आरुढ़ यमराज की प्रतिमा की धूप-चंदन-दीपक-रोली-केशर एवं फल मिष्ठान आदि से पूजन किया।
वट वृक्ष के जड़ में जल अर्पित किया। व्रतियों ने परिवार की परंपरा के अनुसार वटवृक्ष के पत्तों की माला भी धारण की। दशाश्वमेध स्थित मीरघाट के धर्मकूप मोहल्ले में कंचन वट सावित्री का संयुक्त मंदिर में सुहागिनों का रेला लगा रहा। शास्त्रों में कहा गया है कि वट वृक्ष की जड़ों में ब्रह्मा, तने में भगवान विष्णु और डालियों में भगवान शंकर का निवास होता है। दो दिन अमावस्या के चलते कुछ परिवारों में 27 मई को भी वट सावित्री व्रत-पूजन होगा। सूर्योदय के साथ आरंभ हो गए अनुष्ठान घरों के आसपास मौजूद वट वृक्ष के पास तो महिलाओं की भीड़ रही, लेकिन जिनके घर के आसपास वट वृक्ष नहीं थे उन्होंने घरों में ही पूजन बेहतर समझा। सूर्योदय के साथ ही घरों में अनुष्ठान आरंभ हो गए। सुहागिनों ने भगवान विष्णु की प्रतिमा के समक्ष पूजन किया। जिनके घर के नजदीक वट वृक्ष थे उन्होंने वहां जाकर अपने सुहाग की रक्षा और उसके दीर्घायु की प्रार्थना की। पूजन-अर्चन कर वट वृक्ष के नीचे व्रत कथा पढ़ी। लमही से लंका तक दिखे एक जैसे दृश्य महिलाओं के वट पूजन का दृश्य लमही से लंका तक दिखा। कचहरी, काशीपुरा, नरसिंह चबूतरा लोहटिया, शिवाला, अस्सी घाट, शंकुलधारा, किरहिया आदि स्थानों पर वट वृक्ष के पास भीड़ रही। पूजन के बाद वट के तने पर कच्चा सूत पलेटते हुए महिलाओं ने विषम संख्या में परिक्रमा कर जन्म-जन्मांतर तक पति का साथ पाने का आशीर्वाद मांगा। शिवपुर रामलीला मैदान में अष्टभुजी मंदिर के समीप स्थित नर्मदेश्वर महादेव मंदिर परिसर में महिलाओं ने बरगद का पूजन और परिक्रमा कर पति की लंबी उम्र की प्रार्थना की।
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