Wife renovates school headmaster husband chamber in corporate office look with her own saving money बचत के पैसे से बीवी ने पति का सरकारी दफ्तर सजाया, स्कूल हेडमास्टर के चैंबर को कॉरपोरेट लुक दे दिया, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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बचत के पैसे से बीवी ने पति का सरकारी दफ्तर सजाया, स्कूल हेडमास्टर के चैंबर को कॉरपोरेट लुक दे दिया

  • शाहजहांपुर के जमालपुर में सरकारी स्कूल के हेडमास्टर की पत्नी ने बचत के पैसे से अपने पति के चैंबर को सजाकर कॉरपोरेट लुक दे दिया है।

Ritesh Verma हिन्दुस्तान टीम, शाहजहांपुर, संवाददाताThu, 27 Feb 2025 06:39 PM
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बचत के पैसे से बीवी ने पति का सरकारी दफ्तर सजाया, स्कूल हेडमास्टर के चैंबर को कॉरपोरेट लुक दे दिया

हर पत्नी की ख्वाहिश होती है कि उसका पति बेहतर और शानदार ऑफिस में बैठकर काम करे। शाहजहांपुर की शिखा ने इस सपने को साकार करने के लिए अपने हेडमास्टर पति के दफ्तर को कॉरपारेट ऑफिस बना दिया। शिखा ने घरेलू बचत के पैसे से स्कूल के प्रधानाध्यापक के चैंबर को सजा दिया। शिखा का कहना है कि उनके पति साफ और स्वच्छ माहौल में बैठकर काम करेंगे तो उन्हें मानसिक शांति मिलेगी। शांत दिमाग में ही अच्छे विचार आते हैं और उसका लाभ इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को भी मिलेगा।

शाहजहांपुर सदर बाजार के निवासी अभिषेक दीक्षित जमालपुर प्राथमिक स्कूल में 2016 से बतौर हेडमास्टर तैनात हैं। साल 2023 में एक दिन अभिषेक की पत्नी शिखा स्कूल गईं। वहां के हालात देख वो चिंता में पड़ गईं। इसके बाद शिखा ने सबसे पहले गर्मी में ठंडे पानी के लिए स्कूल में फ्रिज रखवाया। शिखा ने कहा कि इससे उनके पति के साथ-साथ वहां के बच्चे भी ठंडा पानी पीने लगे। शिखा ने बताया कि वहां सरकारी मानकों के हिसाब से व्यवस्था थी लेकिन मुझे लगा कि बचत का पैसा अच्छे काम में लग जाए तो मन को संतोष मिलेगा।

ऐसा हुआ भी। जब बच्चों को कुर्सियां मिलीं तो गांव के लोग भी देखने आए। अपने बच्चों को कुर्सी पर बैठकर पढ़ते देख गांव के लोगों को अच्छा लगा। इस साल फरवरी में शिखा ने बचत के पैसों से अभिषेक के दफ्तर को रेनोवेट कराया। अब इस स्कूल के प्रधान का कमरा ऐसा है जैसा फिलहाल जिले में किसी स्कूल का नहीं है। शिखा कहती हैं कि जब पति अच्छे माहौल में काम करेंगे तो और बढ़िया नतीजा दे पाएंगे। बच्चों को और अच्छे से पढ़ा सकेंगे। स्कूल में अभी 107 बच्चे हैं और 100 फीसदी उपस्थिति रहती है। सारे बच्चे स्कूल ड्रेस में आते हैं।

खराब स्कूल को अपनी मेहनत से दिलाई पहचान

अभिषेक दीक्षित की गिनती अच्छे शिक्षकों में होती है। इसका कारण यह है कि जब भावलखेड़ा ब्लॉक के जमालपुर प्राथमिक स्कूल में इन्हें नियुक्ति दी गई, तब यह ब्लॉक के सबसे पांच खराब स्कूलों में गिना जाता था। अभिषेक की तैनाती के बाद उन्हें एक और अच्छे शिक्षक मयंक भूषण पांडेय का साथ मिला तो इसी स्कूल के बच्चों ने जिले ही नहीं राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में भी परचम लहराया।