लहंगा-चुनरी पहना, फिर महिलाओं की तरह किया शृंगार; बहन की मौत के दो साल बाद भाई ने लगाई फांसी
बांदा में फांसी लगाकर जान देने का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। अतर्रा थाना क्षेत्र के बदौसा रोड गांधीनगर में रहने वाले बैंक मैनेजर का छोटा बेटा अपनी बहन का लहंगा-चुनरी, मंगलसूत्र पहनने और श्रृंगार करने के बाद फंदे से झूल गया।

यूपी के बांदा में फांसी लगाकर जान देने का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। अतर्रा थाना क्षेत्र के बदौसा रोड गांधीनगर में रहने वाले बैंक मैनेजर का छोटा बेटा अपनी बहन का लहंगा-चुनरी, मंगलसूत्र पहनने और श्रृंगार करने के बाद फंदे से झूल गया। फोन न उठाने पर अपनी शादी के बाद बड़ा भाई घर आया तो घटना का पता चला। परिजनों का कहना है कि करीब दो साल पहले उसकी बड़ी बहन की ससुराल में जलकर मौत हो गई थी, तभी से वह तनाव में रहता था। उसके ऊपर बहन की आत्मा आती थी।
गांधीनगर निवासी शंभू वर्मा इंडियन बैंक में मैनेजर हैं। शुक्रवार को उनके बड़े बेटे धर्मेंद्र की शादी थी। शादी समारोह चित्रकूट में हनुमान धारा के पास धर्मेंद्र की ननिहाल से हुआ। सबसे छोटे बेटे 26 वर्षीय संजय वर्मा को छोड़कर पूरा परिवार शादी कार्यक्रम में शामिल होने गया था। शनिवार को विदाई के बाद सभी लोग चित्रकूट पहुंचे। शाम को धर्मेंद्र ने संजय को फोन किया। कई बार कॉल करने बाद भी फोन रिसीव नहीं हुआ। इस पर वह रविवार को अपनी मौसी के लड़के के साथ अपने घर पहुंचा। दरवाजे अंदर से बंद थे।
कई आवाज देने के बाद भी जब जवाब नहीं मिला तो पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने कटर मशीन से दरवाजा कटवाया। अंदर देखा तो लहंगा-चुनरी, दो मंगलसूत्र पहने और चोटी बांधे संजय का शव फंदे से लटक रहा था। फॉरेंसिक टीम की जांच-पड़ताल के बाद पंचनामा कर पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। रविवार दोपहर मुक्तिधाम में शव का अंतिम संस्कार किया गया।
आईटीआई कर रहा था संजय
बड़े भाई धर्मेंद्र ने बताया कि संजय केसीएनआईटी से आईटीआई कर रहा था। उसकी नजर थोड़ी कमजोर थी। इसके अलावा कोई दिक्कत नहीं थी। बताया कि वह पशु प्रेमी था। घर में कुत्ते और तोते पाल रखे थे, जिनका बहुत ख्याय रखता था। घर काफी बड़ा होने और देखभाल करने की बात कहकर वह शादी में शामिल नहीं हुआ था।
सबसे बड़ी बहन की आग से जलकर हुई थी मौत
शंभू वर्मा के चार बच्चों में संजय सबसे छोटा था। सबसे बड़ी बेटी राधा थी। वर्ष 2023 में उसकी शादी बदौसा थानाक्षेत्र के गर्गपुर में हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद ससुराल में जलकर उसकी मौत हो गई थी। राधा के एक बेटी है, जो अतर्रा में ही रहती है। दूसरे नंबर का धर्मेंद्र है। इसके बाद रजनी और फिर संजय था।
बहन की मौत के बाद से सदमे में रहता था
धर्मेंद्र ने बताया कि बहन राधा की मौत के बाद संजय सदमे में रहता था। वह ज्यादा किसी से बोलता नहीं था। घरवाले भूत-प्रेत पर अंधविश्वास करते हैं। धर्मेंद्र का कहना था कि बहन की आत्मा भाई पर आती थी, जिसके चलते उसने ऐसा कदम उठाया। परिवार ने कभी भी संजय को किसी भी मनोवैज्ञानिक को दिखाया नहीं था।
टीडीपी से ग्रसित होने की आशंका
जनपद के एक मनोवैज्ञानिक ने बताया, जिस तरह की घटना सामने आई है। उससे बहुत हद तक कहा जा सकता है कि युवक टीडीपी (ट्रांस एंड पोजीशन डिसऑर्डर) से ग्रसित रहा होगा। इसमें व्यक्ति ऐसा व्यवहार करता है, जो नियंत्रण से परे होता है। ऐसी स्थिति भावनात्मक तनाव, घरेलू कलह या सामाजिक-सांस्कृतिक मुद्दों के परस्पर क्रिया के कारण हो सकती है। व्यक्ति अपने सामान्य व्यक्तित्व के साथ असंगत व्यवहार, भाषण या क्रियाएं प्रदर्शित करता है।