बोले गढ़वाल : ज्योतिर्मठ के मनोहरबाग वार्ड में टूटी सड़कों और नालियों ने बढ़ाईं मुश्किलें
ज्योतिर्मठ के मनोहरबाग वार्ड में सड़कें और पैदल मार्ग खस्ताहाल हैं, जिससे आम जनता को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सीवरलाइन, सफाई व्यवस्था, और सार्वजनिक शौचालयों की कमी भी है। रोपवे बंद होने से...

मंजिल तक पहुंचाने वाले रास्ते यदि खस्ताहाल हों तो उन पर आवाजाही किस कदर मुश्किलों भरी हो सकती है इसको समझा जा सकता है। दरअसल इसका उदाहरण देखने को मिल रहा है ज्योतिर्मठ के मनोहरबाग वार्ड में, जहां पैदल सम्पर्क मार्ग हों या फिर सम्पर्क मोटरमार्ग हों, सभी की स्थिति इस कदर बदहाल है कि उनपर सामान्य पैदल आवागमन भी परेशान करने वाला है। ऐसी स्थिति में आम जनता को दिक्कतें उठाते हुए रोज उन्हीं टूटीफूटी सड़कों पर आवाजाही करने को मजबूर होना पड़ रहा है। बोले गढ़वाल अभियान के तहत परेशान क्षेत्रवासियों ने ‘हिन्दुस्तान से अपनी समस्याओं को साझा किया।
सड़कें मानव जीवन की धुरी मानी जाती हैं, लेकिन ज्योतिर्मठ के वार्ड संख्या 5 के अंतर्गत आने वाले एवं लगभग 1500 आबादी वाले मनोहरबाग वार्ड में वो ही धुरी जनता के लिये परेशानियों का कारण बन गई है। नगर के बीचोंबीच बसे इसी वार्ड में तहसील, थाना, अमर कल्पवृक्ष के साथ वो तोटकाचार्य गुफा भी मौजूद है जहां 2500 वर्ष पूर्व आदि शंकराचार्य ने तपस्या कर हिन्दू धर्म की पुनर्स्थापना थी। इस वार्ड में धार्मिक, सांस्कृतिक, पर्यटन और नागरिक महत्व के स्थल होने के बावजूद न तो उनकी जानकारी देते कोई साइनबोर्ड हैं और न कोई अन्य इंतजाम ही हैं। खास बात यह है कि वार्ड में मौजूद विभिन्न पैदल सम्पर्कमार्ग हों या फिर सम्पर्क मोटरमार्ग हों, उनकी स्थितियां इस कदर खस्ताहाल बनी हैं कि उनपर वाहन तो दूर सामान्य पैदल आवाजाही भी किसी मुसीबत से कम नहीं है। इस वार्ड को आज तक सीवरलाइन व्यवस्था से नहीं जोड़ा जा सका है जिस कारण लोगों को सीवर निस्तारण में मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं। क्षेत्र में ड्रेनेज सिस्टम भी बुरी तरह चरमराया हुआ है। कई वर्षों पूर्व बनी संकरी तंग नालियों की हालत इस कदर खराब है कि वो थोड़ा सा भी ज्यादा पानी आने पर ओवरफ्लो होना शुरू हो जाती हैं जिससे रास्तों पर बहते पानी के बीच लोगों को सावधानी से आवाजाही करनी पड़ती है। सार्वजनिक शौचालयों की भी कमी बनी हुई है। ज्योतेश्वर महादेव शिवालय से 40 मीटर की दूरी पर बने चार शौचालय पूर्ण क्षतिग्रस्त हैं इनकी साफ सफाई न होने से भारी दुर्गंध आती रहती है। वार्ड में सफाई व्यवस्था भी लगभग चौपट ही है। सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ेदान नहीं होने से जगह-जगह बिखरा कचरा मौजूद नालियों को भी चोक कर रहा है तो दूसरी तरफ नालियों और रास्तों में पेयजल पाइपलाइनों के मकड़जाल ने भी लोगों की दिक्कतें बढ़ाई हुई हैं। इस वार्ड के बीचों बीच 18 वर्ष पूर्व नगर पालिका द्वारा बनाया गया लिंक मोटर मार्ग कपरवांण मोहल्ले के ऊपरी भाग में लगातार धंस रहा है लेकिन उसक आज तक ट्रीटमैंट नही हो पाया है। वार्ड में पार्किंग सुविधा के साथ खेल मैदान नहीं होने से भी लोग परेशान हैं। प्रस्तुति:- पूरन भिलंगवाल वार्ड में पार्किंग नहीं होने से परेशानी क्षेत्र में मौजूद जलस्रोत जहां लोगों की प्यास बुझा रहा है वहीं उसके रखरखाव के प्रति बरती जा रही लापरवाही के कारण उसकी स्थिति लगातार खराब हो रही है। औली आवाजाही करने वाले हों या फिर वनविभाग मोहल्ले समेत अन्य मोहल्लों की जनता हो, सभीको उसका लाभ मिलता है लेकिन 2 दशक बाद भी जलस्त्रोत की उपेक्षा से उसकी दशा बिगड़ती जा रही है। जलसंस्थान की लापरवाही की वजह से बड़ी संख्या में लोगों ने बिना स्वीकृति के ही जलस्त्रोत से अवैध कनैक्शनों के माध्यम से अपने घरों और होटलों तक पानी पहुंचाया जा रहा है जिससे आम आदमी को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। वीआईपी कहे जाने वाले इस वार्ड में पार्किंग की सबसे अधिक समस्या है। यद्यपि 4 वर्ष पूर्व प्रशासन द्वारा पीएसी के निकट एक बडी पार्किंग बनाने की कवायद शुरू की गई थी लेकिन पिछले 2 वर्षों से इस पार्किंग निर्माण का कार्य पूरी तरह ठप्प होने से इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। भूधंसाव की आपदा के ढाई वर्ष बाद भी लोगों को उनके परंपरागत भवनों जिन्हें सरकार ने कच्चे भवनों की श्रेणी में रखा है, उनका व भूमि का मुआवजा नही मिलने से वे परेशान हैं। सुझाव 1. शहर के मुख्य भाग की तरह ही इस क्षेत्र को भी सीवरलाइन व्यवस्था से जोड़ा जाय। 2. संकरी तंग नालियों को चौड़ा करने के साथ चोक नालियों को खोलकर गंदे पानी की निकासी की जाय। 3. नालियों व रास्तों से पेयजल लाइनों के मकड़जाल को हटाया जाय और मौजूद जलस्त्रोत का रखरखाव हो। 4. कूड़ेदानों की व्यवस्था के साथ सार्वजनिक शौचालयों की नियमित सफाई का इंतजाम हो। 5. आपदा के बाद से बंद पड़े रोपवे को आवश्यक कदम उठाने के साथ खोला जाय। शिकायतें 1. क्षेत्र में सीवरलाइन नहीं होने व क्षतिग्रस्त सड़कों की वजह से हो रही हैं परेशानियां। 2. संकरी तंग नालियों के चोक होने से गंदा पानी सड़कों पर बहकर उन्हें खराब कर रहा है। 3. नालियों व रास्तों पर पेयजल लाइनों के मकड़जाल से हो रही दिक्कतें। सार्वजनिक पेयजल स्त्रोत के रखरखाव के प्रति लापरवाही। 4. सार्वजनिक शौचालयों की नियमित सफाई नहीं होने व कूड़ेदानों के नहीं होने से हो रही गंदगी। 5. जनवरी 2023 से बंद पड़े औली रोपवे के कारण व्यवसायियों और पर्यटकों को हो रही दिक्कतें। संपर्क मार्ग की खराब हालत बढ़ा रही परेशानी वार्ड में विभिन्न सम्पर्क मोटरमार्गों की स्थिति भी लोगों को आवाजाही के दौरान परेशान कर रही है। 18 वर्ष पूर्व पालिका द्वारा मनोहरबाग के बीचोंबीच बनाया गया लिंक मोटरमार्ग आपदा के बाद से पूर्ण क्षतिग्रस्त है लेकिन खतरे के बीच भी इसपर चल रहे दोपहिया वाहनों की आवागमन हो रहा है। इस लिंक सड़क में कपरवांण मोहल्ले के उपरी भाग में भारी दरारें व धंसाव हो रहा है। इस सड़क में पहाड़ी की ओर पूर्व में पालिका द्वारा बनाई गई अधिकांश सुरक्षा दीवारें भी क्षतिग्रस्त हैं जो कभी भी दुर्घटना की वजह बन सकती हैं। वन विभाग कालोनी व भेना के लिए 800 मीटर लंबी मोटर सड़क भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। वनविभाग द्वारा सुध नहीं लिये जाने के कारण गड्ढेयुक्त सड़क परेशानी बनी हुई है। रोपवे बंद होने से छिना लोगों का रोजगार वैसे तो स्कीइंग के लिये अपनी खूबसूरत ढलानों की वजह से विश्वप्रसिद्ध औली तक पहुंचने के लिए ज्योतिर्मठ से रोपवे की व्यवस्था है लेकिन उसके बंद पड़े होने से पर्यटकों के साथ आम जनता भी परेशान है। दरअसल 1983 में केन्द्र सरकार द्वारा जोशीमठ से औली के लिए पौने 4 किमी लंबा रोपवे बनाया गया था जो नगर में रोजगार की रीढ़ था लेकिन 2023 में आपदा के बाद उसे बंद कर दिया गया है जिसे आज तक बहाल नहीं किया जा सका है। रोपवे के बंद होने का सर्वाधिक असर बड़ी संख्या में उन लोगों पर भी पड़ा है जो इसकी वजह से अपना रोजगार चला रहे थे। उसके बंद होते ही वो सभी लोग भी बेरोजगार हो गए हैं। सार्वजनिक शौचालयों की हालत खराब पूरे वार्ड में एक दशक पहले नगरपालिका ने 5 सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया था जो कि ज्योतेश्वर महादेव के शिवालय से लगभग 30 मीटर की दूरी पर है लेकिन बनने के बाद से पालिका द्वारा कभी उनकी सुध ही नही ली गई जिस कारण उनकी स्थिति भी खराब है। मुख्य बाजार में बने मूत्रालय में लगी टाइल्स को ठीक होने के बावजूद पालिका द्वारा उन्हें तोड़कर नई टाइल्स लगाई जा रही है तो दूसरी तरफ ज्योतेश्वर में स्थित शौचालय की बेहद गंदी, बदबूदार व खराब स्थिति को सुधारने के प्रति पालिका प्रशासन तय्यार ही नहीं दिखता। इस कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शनि मंदिर से 20 मीटर पहले स्थित प्रतिक्षालय की स्थिति भी बद से बदतर है। इसी मार्ग से होकर लोग शंकराचार्य मठ, ज्योतेश्वर महोदव को आते जाते हैं। बोले िजम्मेदार नंदा देवी नेशनल पार्क के डीएफओ तरुण एस के अनुसार, वनविभाग से भेना तक की वन विभाग द्वारा पूर्व में निर्मित सड़क क्यों खस्ताहाल है, इस बारे में रेंज अधिकारी से पता करवाता हूं। इस सड़क का किन कारणों से विभाग देखरेख नही कर रहा है यह पता करवाया जाएगा। यदि नगरपालिका इस मोटर सड़क और इसके किनारे की नालियों के निर्माण या सुधारीकरण के लिए प्रस्ताव भेजेगी तो उस पर विचार किया जाएगा। नगर निगम के ईओ हयात सिंह रौतेला का कहना है कि मनोहर बाग लिंक मोटरमार्ग जहां जहां टूट रखा है व इसके साथ लगी सुरक्षा दीवारें आपदा में जहां कहीं भी टूट रखी हैं को ठीक करने के लिए बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखा जाना है जिसके बाद इन्हें ठीक किया जायेगा। शौचालय और शनिमंदिर के निकट क्षतिग्रस्त प्रतिक्षालय को भी ठीक किए जाने की प्रकिया शुरू की जा रही है। सभासद सौरभ राणा का कहना है कि मेरे द्वारा वार्ड की सभी समस्याओं को बोर्ड बैठक में क्रमवार रखा जा रहा है। वार्ड में सफाई रहे यह मेरी प्राथमिकता है। मनोहरबाग लिंक मोटरमार्ग को ठीक किया जाना आवश्यक है। पूरे वार्ड में कहीं भी सीवरलाइन नहीं है इसके लिये मेरे द्वारा आपदा प्रबंधन विभाग एवं जल संस्थान से वार्ता की जा रही है। बोले लोग ढाई वर्ष का समय बीतने पर भी सरकार द्वारा अभी तक हम लोगों के क्षतिग्रस्त परंपरागत भवनों व भूमि का मुआवजा तय नही किया गया है जो चिन्ताजनक है। -भगवती कपरवांण आपदा के बाद से पालिका द्वारा पूर्व में बनाया गया लिंक मोटर मार्ग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। यदि इसे जल्द ठीक नहीं किया गया तो यह किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। -नीलम परमार बीआरओ द्वारा दो वर्ष पूर्व औली जोशीमठ सड़क का डामरीकरण किया गया है लेकिन नालियां ढंग से न बनाये जाने के कारण जगह जगह गंदा पानी एकत्रित हो रहा है, बदबू फैला रहा है। -लक्ष्मी प्रसाद सेमवाल जोशीमठ औली रोपवे को सरकार ने ढाई वर्ष पूर्व बंद कर दिया है जिस कारण व्यवसायियों के आगे रोजी रोटी का संकट गहरा गया है। रोपवे का पुनः पुनः संचालन शुरू हो। -प्रदीप नवानी पूरे वार्ड में कहीं भी सीवरेज व्यवस्था नहीं है। साथ ही ड्रेनेज की भी समस्या है। जलसंस्थान द्वारा सीवरलाइन नहीं बिछाये जाने से पूरा वार्ड परेशान है। बरसात में पैदल मार्गों में पानी बहता रहता है। -शांति चौहान स्वी मोहल्ले के लोग दशकों से लिंक मोटर मार्ग की मांग पालिका से कर रहे हैं, लेकिन इस ओर कोई कार्यवाही नही हो रही है। लिंक सड़क ना होने के कारण परेशानी होती हैं।-अखिल उनियाल वार्ड में मठ मंदिर जैसे धार्मिक महत्व के स्थल हैं लेकिन पर्यटन, बीकेटीसी के द्वारा इनके पहचान के लिए कोई भी साइन बोर्ड आदि नहीं लगाए हैं जिस पर्यटकों को परेशानी होती है।-आरती उनियाल कपरवांण मोहल्ले से रोपवे तक के बीच के मोहल्ले में आज तक निकासी नाली नहीं बन पाई है जिस कारण यहां के लोग खासे परेशान हैं। रोपवे पार्किंग के आसपास सफाई नहीं है। -विपिन उनियाल वन विभाग के नीचे औली सड़क में एक अतिप्राचीन जलस्रोत है, लेकिन यह स्रोत क्षतिग्रस्त है और यहां से कई होटल एवं निजी घरों में बिना जलसंस्थान की अनुमति के पेयजल लाइन ले जा रखी है। -संतोष बिष्ट वर्षों से वन विभाग कालोनी व भेजना को जाने वाला लिंक मोटर सड़क खस्ताहाल है। वन विभाग द्वारा इस सड़क का सुधारीकरण नहीं किए जाने से लोग परेशान हैं। -सुखदेव महिपाल तीन वर्ष पूर्व पीएसी के ऊपरी भाग में सरकार ने एक बड़ी पार्किंग बनाने की कवायद शुरू की थी लेकिन दो वर्षों से यह काम ठप पडा है। पार्किंग बन जाती तो लोगों को पार्किंग सुविधा मिल जाती।-भगवती सेमवाल एसबीआई से तहसील तक के पैदल मार्ग और नालियों की स्थिति बेहद खराब है। नालियों में दरारें आ रखी है साथ ही विभाग ने पेयजल लाईनों को इन्हीं नालियों से होकर बिछा रखा है। -अमित मलासी
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