साइबर ठगी के अंतरराष्ट्रीय गिरोह में शामिल दो लोग दून से गिरफ्तार
स्पेशल टास्क फोर्स ने देहरादून से साइबर ठगी के अंतरराष्ट्रीय गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास लाखों की क्रिप्टो करेंसी, लैपटॉप, पासपोर्ट और अन्य बैंक सामग्री मिली है। उन्हें...

स्पेशल टास्क फोर्स ने साइबर ठगी के अंतरराष्ट्रीय गिरोह में शामिल दो लोगों को देहरादून से गिरफ्तार किया है। आरोपियों के मोबाइल के डिजिटल वोलेट में लाखों की क्रिप्टो करेंसी के साथ लैपटॉप, पासपोर्ट, चैक बुक, डेबिड कार्ड आदि बरामद हुआ। एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने एसटीएफ कार्यालय में शनिवार को हुई प्रेसवार्ता में इसका खुलासा किया। भुल्लर ने बताया कि दक्षिण एशियाई देशों से संचालित साइबर अपराधों के नेटवर्क के संबंध में मार्च प्रथम सप्ताह में भारत सरकार की ओर से म्यामार से 540 भारतीयों को स्वदेश लाया गया था, इनमें से 22 पीड़ित उत्तराखंड के थे। इन्हें झांसे में लेकर विदेश ले जाया गया था।
लिहाजा, एसटीएफ ने उत्तराखंड में रह रहे साइबर अपराधियों के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की। उन्होंने बताया कि 20 मार्च को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून और 21 मार्च को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन कुमाऊं में मुकदमे दर्ज किए गए थे। टीम ने मामलों की छानबीन करते हुए शनिवार को महाराणा प्रताप चौक रायपुर से आगे थानो रोड से आरोपी हरजिंदर सिंह पुत्र जरनैल सिंह निवासी ग्राम दिनेशपुर ऊधमसिंहनगर और संदीप सिंह पुत्र पश्मिन्दर सिंह निवासी दिनेशपुर जिला ऊधमसिंहनगर को गिरफ्तार किया। दोनों आरोपी अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह से जुड़े थे।
टेलीग्राम से साइबर अपराधियों के संपर्क में आए
संदीप और हरजिन्दर दोस्त हैं। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वो टेलीग्राम से साइबर अपराधियों के संपर्क में आए थे। वो लोगों को झांसा देकर उनके नाम से बैंकों में करंट अकाउंट खुलवाते थे। संबंधित अकाउंट की चैक बुक, पासबुक, इंटरनेट बैकिंग के यूजर, पासर्वड, डेबिड कार्ड, बैंक अकाउंट लिंक ओटीपी मोबाईल नंबर अपने पास रखते थे। इन अकाउंट को टेलीग्राम के जरिए एक एप से लिंक किया जाता था। दूसरी एप से ओटीपी नंबर लिंक कर दिए जाते थे। इसके बाद ये अकाउंट भारत समेत विभिन्न देशों से ट्रांजेक्शन के लिए उपयोग किया जाता था। इस ट्रांजेक्शन की एक प्रतिशत धनराशि को दोनों आरोपी क्रिप्टो करेन्सी में कनवर्ट करते थे।
एक साल में कमाए 1.20 करोड़ रुपये
आरोपियों ने लोगों को धोखा देकर एक वर्ष में प्रोफिट के रूप में लगभग 01 करोड़ 20 लाख रुपये कमाए। इसमें से 25 लाख रुपये मार्च में कमाए हैं। एसएसपी ने बताया कि संदीप करंट अकाउंट खुलवाने का एक्सपर्ट है। उसे साइबर अपराधियों ने जून में मलेशिया बुलाया था। यहां उसने दूसरे लोगों को ट्रेनिंग दी। एसएसपी ने बताया कि मामले की विभिन्न पहलुओं में जांच की जा रही है।
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