डिप्लोमा इंजीनियर्स की मांगों को लेकर नए सिरे से बनेगा दबाव
उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ की नई कार्यकारिणी ने मांगों के निस्तारण पर जोर दिया। महासचिव वीरेंद्र सिंह गुसाईं ने वेतन विसंगति दूर करने और पुरानी एसीपी व पेंशन व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग...

डिप्लोमा इंजीनियर्स की मांगों को लेकर नए सिरे से बनेगा दबाव महासंघ की नई कार्यकारिणी ने वेतन विसंगति से जुड़े विषयों के निस्तारण पर दिया जोर पुरानी एसीपी के साथ ही पुरानी पेंशन की व्यवस्था सुनिश्चित करने को तेज होगा दबाव देहरादून, मुख्य संवाददाता। उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ की नई कार्यकारिणी ने मांगों के निस्तारण को नए सिरे से दबाव तेज किए जाने पर जोर दिया। महासंघ महासचिव वीरेंद्र सिंह गुसाईं ने कहा कि वेतन विसंगति दूर किए जाने के साथ ही पुरानी एसीपी के साथ ही पुरानी पेंशन की व्यवस्था सुनिश्चित की मांग की। महासचिव वीरेंद्र सिंह गुसाईं ने कहा कि जल्द नई कार्यकारिणी की बैठक कर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
मांगों के निस्तारण को चरणबद्ध आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। पहले शासन, सरकार से अनुरोध, निवेदन किया जाएगा। कहा कि डिप्लोमा इंजीनियर्स वेतन विसंगति से जूझ रहे हैं। कहा कि पदोन्नति में ठहराव के कारण सभी इंजीनियरिंग विभागों के डिप्लोमा इंजीनियर्स को पूरी सेवाकाल में पदोन्नति की पात्रता के अनुसार न्यूनतम तीन पदोन्नति दी जाए। पहले की तरह 10, 16, 26 वर्ष पर एसीपी का लाभ देते हुए पदोन्नत वेतनमान सुनिश्चित किया जाए। एक जनवरी 2014 के बाद विभागों में नियुक्त जूनियर इंजीनियरों को पहली एमएसीपी के रूप में 10 वर्ष की सेवा पूरी करने पर पहले की तरह ग्रेड वेतन 5400 रुपए का लाभ दिया जाए। कहा कि ड्राफ्समैन का ग्रेड वेतन 4200 रुपए एक अप्रैल 2001 से मंजूर किया गया है। जूनियर इंजीनियरों को यही ग्रेड वेतन 4600 रुपए एक जनवरी 2009 से नोशनली मंजूर किया गया है। इससे दोनों पदों का ग्रेड वेतन समान होने के बावजूद जूनियर इंजीनियरों को वेतन में बड़ा नुकसान हो रहा है। जूनियर इंजीनियरों को प्रारम्भिक ग्रेड वेतन 4600 रुपए एक जनवरी 2006 से नोशनली मंजूर किया जाए। ड्राफ्समैन के पद पर न्यूनतम 10 वर्ष की लगातार सेवा के बाद जूनियर इंजीनियर पद पर पदोन्नति का लाभ दिया जाए। पुरानी पेंशन का लाभ सभी डिप्लोमा इंजीनियर्स को सुनिश्चित किया जाए। पेयजल एजेंसियों के एकीकरण पर जोर कहा कि पेयजल निगम और जल संस्थान का राजकीयकरण के साथ एकीकरण किए जाने पर जोर दिया जाएगा। जल्द इस प्रक्रिया को पूरा कराया जाएगा। वित्तीय अधिकार बढ़ाने की मांग सहायक अभियन्ता के वित्तीय अधिकार बढ़ाते हुए 25 लाख तक की खुली निविदा और 10 लाख तक की सीमित निविदा द्वारा अनुबन्ध गठित करने के अधिकार दिए जाएं। कहा कि पदोन्नति के कम अवसर होने के कारण सहायक अभियन्ता से उच्चतर पदों पर पदोन्नति को अन्य पर्वतीय छोटे राज्यों के समान, समानान्तर गैलरी का सृजन किया जाए। पदोन्नति की सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ा कर 20 प्रतिशत किया जाए।
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