उत्तराखंड में अपहरण और हत्या जैसे अपराध बढ़ रहे
उत्तराखंड में अपहरण और हत्या के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। 2022 में अपहरण के 418 मामले थे, जो 2024-25 में बढ़कर 1019 हो गए। हत्या के मामलों में भी पांच गुना वृद्धि हुई है। वहीं, दहेज हत्या...

हल्द्वानी। उत्तराखंड में अपहरण और हत्या जैसे गंभीर अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जबकि दहेज हत्या और दुष्कर्म के मामलों में गिरावट दर्ज की गई है। इस बात का खुलासा सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत प्राप्त जानकारी में हुआ है। उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से आरटीआई में मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2022 में प्रदेश में अपहरण के कुल 418 मामले सामने आए थे, जो 2024-25 में बढ़कर 1019 तक पहुंच गए हैं। अपहरण के मामलों में दो साल के भीतर दोगुने से अधिक बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा हत्या की वारदात में भी पांच गुना बढ़त दर्ज की गई है।
2022 में प्रदेश में हत्या के 208 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि पिछले एक साल में यह आंकड़ा 1025 पहुंच चुका है। वहीं इसके उलट दहेज हत्या और दुष्कर्म जैसे संवेदनशील अपराध में गिरावट आई है। 2022 में जहां प्रदेश में 62 मामले दहेज हत्या के दर्ज हुए वहीं 2024-25 में यह आंकड़ा घटकर 18 रह गया। वहीं दुष्कर्म के 2022 में 918 मुकदमे दर्ज हुए थे जबकि पिछले एक साल में इनमें 100 से अधिक की गिरावट दर्ज हुई है। कुमाऊं से अधिक गढ़वाल में अपराध उत्तराखंड में 2024-25 में 17,278 से अधिक अपराध दर्ज किए गए। इनमें कुमाऊं मंडल में साढ़े पांच हजार से अधिक और गढ़वाल मंडल में साढ़े 11 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए। कुल अपराध की बात करें तो कुमाऊं और गढ़वाल मंडल दोनों में ही बीते तीन साल के भीतर अंकुश लगा है, लेकिन हत्या और अपहरण के मामलों में वृद्धि दर्ज हुई है। 2022 में पूरे राज्य में 17863 अपराध दर्ज किए गए थे। राज्य में चोरी के मामले चिंता का विषय राज्य में चोरी के लगातार बढ़ रहे मामलों पर अंकुश लगाना पुलिस के लिए चुनौती बन गया है। हर साल औसतन दो हजार से अधिक चोरियां प्रदेश में हो रही हैं। वाहन चोरी के मामले अलग हैं।
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