पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग
पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन से जुड़े कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली के संबध में शासन प्रशासन के रवैये पर रोष व्यक्त किया है और इस संबध में शीघ्र निर्

पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन से जुड़े कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली के संबध में शासन के रवैये पर रोष व्यक्त किया है और इस संबध में शीघ्र निर्णय न लेने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। इस संबध में शनिवार को कर्मचारियों की पौड़ी ज़िला कार्यकारिणी की राजकीय इंटर कॉलेज में आयोजित बैठक में वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड में पूर्व से ही जन विरोधी कानूनों के खिलाफ आवाज़ उठती रही है। कहा कि एनपीएस व यूपीएस भी ऐसी नीतियां हैं, जिसका सभी विभागों के शिक्षक व कार्मिक विरोध कर रहे हैं। मंच के जिलाध्यक्ष अनूप जदली ने कहा कि सरकार कार्मिकों के ऊपर जबरदस्ती एनपीएस व यूपीएस जैसी पेंशन योजना सौंप रही है, जिसमें कार्मिकों को ठगा जा रहा है।
शिक्षक मुकेश रावत ने कहा कि सांसद व विधायक खुद तो पुरानी पेंशन ले रहें हैं और कार्मिकों को न्यू पेंशन स्कीम व यूनिफाइड पेंशन स्कीम का झुनझुना पकड़ा रहे हैं, अगर यह पेंशन स्कीम सही है तो वे इसे खुद पर लागू क्यों नहीं करते। संरक्षक मनमोहन चौहान ने कहा कि अब पुरानी पेंशन बहाली के लिए सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने का समय आ गया है। बैठक में शिक्षा विभाग, वन विभाग, उद्यान विभाग, सिंचाई विभाग, पंचायती राज विभाग आदि विभागों के कर्मचारियों ने ब्लॉक स्तर पर कार्यकारिणी गठित कर पुरानी पेंशन बहाली हेतु आंदोलन को प्रभावी रूप देने की रणनीति तैयार की और जून के अंतिम सप्ताह में आंदोलन व प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। बैठक में अरविंद निराला, संयुक्त कर्मचारी परिषद के कोटद्वार शाखा अध्यक्ष मुकेश रावत , शेखर जोशी, सुरेंद्र चौहान, वरदान बुडाकोटी ,कुलगौरव द्विवेदी, कैलाश थपलियाल, संतूदास, खेमराज जखमोला, नरेंद्र सिंह, विमल राणा, दीपक नेगी और भास्कर काला सहित अन्य विभागों के कर्मचारी मौजूद रहे।
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