RTI में जानकारी देने से बचने के लिए लोक सूचना अधिकारी के गजब के टोटके, तरीकों को जानकर होंगे हैरान
लोक सूचना अधिकारियों एवं विभागीय अपीलीय अधिकारियों की ओर से बरती जा रही लापरवाही का उल्लेख करते हुए इसे दुरुस्त किए को कहा है।

उत्तराखंड में सूचना का अधिकार-RTI (Right to Information) अधिनियम के तहत सूचनाओं का आदान-प्रदान ठीक प्रकार से नहीं हो पा रहा है। विभिन्न विभागों में नामित लोक सूचना अधिकारी एवं विभागीय अपीलीय अधिकारी जिम्मेदारी से बचने के लिए रोज नए टोटके ढूंढ रहे हैं। इसका सीधा असर यह हो रहा है कि सूचना मांगने वाले अपीलार्थी को सही समय पर न तो सूचना मिल पा रही है।
इसके अलावा आयोग को भी सुनवाई करने में दिक्कत पेश आ रही है। उत्तराखंड सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूड़ी ने कार्यभार संभालने के बाद ऐसे तमाम मामलों को गंभीरता से लिया है। इस संबंध में उन्होंने शासन में सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, पुलिस महानिदेशक, मंडलायुक्त, सभी विभागाध्यक्षों के अलावा सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है।
जिसमें उन्होंने लोक सूचना अधिकारियों एवं विभागीय अपीलीय अधिकारियों की ओर से बरती जा रही लापरवाही का उल्लेख करते हुए इसे दुरुस्त किए को कहा है। पत्र में कहा गया है कि विभागों में नामित लोक सूचना अधिकारी एवं विभागीय अपीलीय अधिकारी को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत किए जाने वाले समस्त पत्राचार में पत्र प्रेषित करने वाले का नाम, पत्राचार के पते में डाकघर के पिनकोड और कार्यालय का दूरभाष नंबर अंकित करना जरूरी है।
इसके अलावा मोबाइल नंबर एवं ई-मेल आईडी अंकित किया जाना भी जरूरी है। लेकिन कतिपय लोक सूचना अधिकारी एवं विभागीय अपीलीय अधिकारी आधे-अधूरे पते के साथ पत्राचार कर रहे हैं। इसके अलावा लोक सूचना अधिकारियों एवं विभागीय अपीलीय अधिकारियों की ओर से इलेक्ट्रानिक माध्यम से द्वितीय अपील, शिकायत से संबंधित सूचना प्रेषित नहीं की जा रही है। इससे सूचना मांगने वाले अपीलार्थी और आयोग को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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