राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य पर हुई गोष्ठी
गढ़वाल विश्वविद्यालय के डॉ. भीमराव अम्बेडकर उत्कृष्टता केंद्र ने रविवार को भारत के उभरते राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य पर गोष्ठी आयोजित की। वक्ताओं ने साइबर हमलों, भूराजनीतिक तनावों, सीमा संघर्षों और...

गढ़वाल विश्वविद्यालय के डॉ. भीमराव अम्बेडकर उत्कृष्टता केंद्र द्वारा रविवार को भारत का उभरता राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य विषय पर गोष्ठी का आयोजन चौरास परिसर में हुआ। कार्यक्रम में वक्ताओं ने वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य की चर्चा करते हुए भारत के सामने उभरते खतरों साइबर हमलों, भूराजनीतिक तनावों, सीमा संघर्षों तथा आतंकवाद के मूल कारणों पर प्रकाश डाला। इस दौरान पहलगाम में हुए आतंकी हमले का संदर्भ देते हुए आतंकवाद की विचारधारा और पाकिस्तान की भूमिका पर गहन चर्चा की गई। वक्ताओं ने जोर दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा केवल सेना और सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। आमजन की सहभागिता और सतर्कता देश को संभावित खतरों से बचा सकती है।
विज्ञान, तकनीक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और ऊर्जा संसाधनों में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर भी बल दिया गया। केंद्र के समन्वयक प्रो . एम.एम. सेमवाल ने युवाओं की भूमिका, राष्ट्रहित और सुरक्षा को जोड़ते हुए ऐतिहासिक दृष्टांतों के माध्यम से विषय को समेटा। उन्होंने ''आत्मनिर्भर भारत'', अनुसंधान एवं विकास, बजट नियोजन और मजबूत आंतरिक नीतियों को भविष्य की चुनौतियों से निपटने के आवश्यक उपायों के रूप में बताया। कार्यक्रम का संचालन पूजा शाह ने किया। इस मौके पर सुमन कुमार, अभिषेक सैनी, हिमांशु कुमार, राहुल कुमार साहू, आशीष विश्वकर्मा,शैलजा , डा आशीष बहुगुणा एवं डॉ. प्रकाश कुमार सिंह ने अपने विचार व्यक्त किए।
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