स्वभाव में विनम्रता रखें: रसिक महाराज
सिद्धपीठ डांडा नागराजा मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में स्वामी रसिक महाराज ने कहा कि मनुष्य का सौंदर्य उसकी वाणी, विचार और व्यवहार की विनम्रता में है। उन्होंने तेज गति वाली जीवनशैली में आक्रामकता...
सिद्धपीठ डांडा नागराजा मंदिर में श्री डांडा नागराजा धर्म क्षेत्र विकास समिति द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज ने कहा कि मनुष्य का सौदर्य न तो उसके बाह्य रूप में, ना ही पद प्रतिष्ठा में है। वह उसकी वाणी, विचार व व्यवहार की विनम्रता में है। कहा कि आज की तेज गति वाली जीवनशैली में परिस्थितियां प्रायः हमें आवेश और आक्रोश की ओर ढकेल देती हैं। आक्रामक शब्द, अमर्यादित व्यवहार और विकृत भाव-भंगिमायें हमारे व्यक्तित्व को क्षीण कर देती हैं। यह मत भूलिए कि प्रकृति हमें निरन्तर देख रही है। इसलिए सरल, विनम्र बनिये। यही जीवन को सार्थक और लोकपूज्य बनाता है।
इस मौके पर समिति अध्यक्ष सुभाष चन्द्र देशवाल ने कथा व्यास सहित कथा में पधारे साधु-संतों व विद्वानों को सम्मानित किया गया।
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