उत्तराखंड में तापमान बढ़ने के साथ बढ़ीं मुश्किलें , सरकारी-प्राइवेट अस्पतालों में अलर्ट; हीट वेव से ऐसे करें बचाव
- सीएमओ डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि हीट वेव और जल जनित रोग जैसे-डायरिया डिसेन्ट्री, टाइफायड और पीलिया के रोगियों की संख्या अमूमन अप्रैल से बढ़ जाती है। आईडीएसपी से मिल रही तमाम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि भी हो रही है।

देहरादून, हिन्दुस्तान
उत्तराखंड में गर्मियों के मौसम में हीट वेव (लू) और जल जनित बीमारियों को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। पारा चढ़ने के साथ ही मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को अलर्ट किया गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मनोज शर्मा की ओर से इस बाबत विस्तृत एडवाइजरी जारी की गई। इसके तहत विभिन्न अस्पतालों को बेड-दवाइयों की पर्याप्त व्यवस्था के साथ रोजाना आईडीएसपी को रिपोर्ट करने के लिए कह दिया गया है।
मंगलवार को सीएमओ डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि हीट वेव और जल जनित रोग जैसे-डायरिया डिसेन्ट्री, टाइफायड और पीलिया के रोगियों की संख्या अमूमन अप्रैल से बढ़ जाती है। आईडीएसपी से मिल रही तमाम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि भी हो रही है।
इसीलिए राजधानी के सभी अस्पतालों को अलर्ट करने के साथ ही आमजन के लिए भी एडवाइजरी जारी की गई। एसीएमओ डॉ. राजीव दीक्षित हीटवेव पर नोडल व मॉनीटरिंग ऑफिसर बनाए गए हैं।
बीमारियों से ऐसे करें अपना बचाव
गर्मियों में बासी भोजन कतई न करें बाजार में खुले खाद्य पदार्थ खाने से बचें। गन्ने का रस, तरबूज व खरबूज का सेवन स्वच्छ और सुरक्षित होने पर ही करें। चीजें ठंडी करने वाली बर्फ न खाएं, इसमें गंदा पानी प्रयोग हो सकता है। घर में पानी उबालकर रखें और इसे खाना बनाने और पीने में प्रयोग करें। पानी में क्लोरीन की गोलियां स्वास्थ्य कर्मी के निदेशानुसार ही प्रयोग करें। हाथों को साबुन से जरूर धोएं। फल-सब्जियां अच्छी तरह धोकर ही खाएं।
अस्पतालों को दिए यह निर्देश
-एमएस, सीएमएस या पीएमएस रोज ओपीडी रजिस्टर और आईपीडी ब्योरे को देखेंगे और आईडीएसपी के पोर्टल पर रिपोर्ट कराएंगे।
-आशा और एएनएम के माध्यम से अपने-अपने क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलवाएंगे।
- पेयजल एजेंसी के साथ समन्वय बनाएंगे। नियमित रूप से पेयजल का निरीक्षण और क्लोरीनेशन कराएंगे। क्लोरीन नहीं होने की दशा में विभाग से सम्पर्क करेंगे।
- सड़कों की खुदाई के समय पानी की लाइनें टूटने या लीक होने की स्थिति देखेंगे और तुरंत संबंधित विभागों को सूचित करेंगे।
- आईवी ग्लूकोज सेलाइन, ओआरएस और उल्टी-दस्त रोकने वाली दवाइयों की पर्याप्त मात्रा रखेंगे। जरूरत के अनुसार इनको वितरित करने में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतेंगे।
- क्लोरीन और ब्लीचिंग पाउडर की पर्याप्त मात्रा केंद्र में उपलब्ध रखेंगे।
- आपदा प्रबंधन एवं एपिडेमिक के लिए अपने स्वास्थ्य केंद्र में टीम का गठन करेंगे। टीम के सदस्यों के नाम और मोबाइल नंबर की सूची भी उपलब्ध कराएंगे।
- ज्यादा मरीज आने पर तुरंत आईडीएसपी प्रकोष्ठ को ईमेल idspdehradun@gmail.com या फिर डाॅ. पीयूष अगस्टीन को 9450275654 पर सूचित करेंगे।
हीट वेव से बचने के तरीके
- खूब पानी पिएं। हल्के और हल्के रंग के कपड़े पहनें।
- बाहर जाने पर सनस्क्रीन लगाएं और टोपी पहनें। गर्मी बढ़ने पर घर के अंदर रहें। पंखे, कूलर या एयर कंडीशनर का उपयोग करें।
- पौष्टिक और हल्का भोजन करें। अधिक पसीना आने पर इलेक्ट्रोलाइट्स का सेवन करें।
- बच्चे और बुजुर्गों का विशेष ध्यान भी रखें, क्योंकि वह अधिक संवेदनशील होते हैं। ठंडे तौलिये या स्पंज से शरीर को ठंडा रखें।
- अधिक से अधिक पौधे लगाएं।
यह न करें
- दिन में सबसे गर्म समय में भारी शारीरिक गतिविधियों से बचें।
- बच्चे या पालतू जानवरों को खड़ी कार में कतई न छोड़ें।
- कैफीन युक्त या अल्कोहॉलिक पदार्थों से बचें, क्योंकि यह शरीर को डिहाइड्रेट कर सकते हैं।
- गर्मी के समय चक्कर आने या फिर तली की स्थिति को नजरअंदाज बिल्कुल न करें।
- तंग और भारी कपड़े न पहनें।
- सीधे धूप में लंबे समय तक न रहें। ठंडे शॉवर से तुरंत बाहर आने के बाद एसी में न बैठें।
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