बर्फबारी और ठिठुरन,उत्तराखंड में जून के महीने में क्यों है ऐसा मौसम? एक्सपर्ट्स ने बताया
मौसम विभाग के मुताबिक,इसी साल फरवरी में अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री अधिक यानी 29 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। पांच दिन तापमान 25 से 27 डिग्री के बीच भी दर्ज किया गया। इस कारण फरवरी में गर्मी का अहसास हुआ।

उत्तराखंड में इस साल मौसम में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। फरवरी के महीने में जहां तापमान सामान्य से अधिक होने पर लोगों के पसीने छूट रहे थे, अब जून के महीने में तापमान सामान्य से भी नीचे आने की वजह से सुबह और शाम के समय ठंड का अहसास हो रहा है। पहाड़ से लेकर मैदान तक इस तरह की स्थिति नजर आ रही है। देहरादून की बात करें तो यहां न्यूनतम तापमान का करीब दस साल का रिकॉर्ड टूटा है।
मौसम विभाग के मुताबिक,इसी साल फरवरी में अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री अधिक यानी 29 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। पांच दिन तापमान 25 से 27 डिग्री के बीच भी दर्ज किया गया। इस कारण फरवरी में गर्मी का अहसास हुआ। लेकिन,जून के महीने में अधिकतम तापमान सामान्य से आठ डिग्री तक नीचे आ गया, जिस कारण इन दिनों सर्दी का अहसास हो रहा है।
सात से बदलेगा मौसम
मौसम निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह के अनुसार, पांच और छह जून को भी उत्तराखंड के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के आसार बन रहे हैं। जबकि, छह जून को मैदानी इलाकों में मौसम शुष्क रह सकता है। इसके बाद सात से लेकर दस जून तक प्रदेशभर में मौसम शुष्क रह सकता है।
मौसम विशेषज्ञ का तर्क
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के मौसम वैज्ञानिक रोहित थपलियाल के अनुसार,सर्दियों में इस बार पश्चिमी विक्षोभ मजबूत नहीं रहा। बारिश भी सामान्य से कम रही। इसलिए पारे में बढ़ोतरी हुई। जून में पश्चिमी विक्षोभ मजबूत दिख रहा है। दो-तीन दिन बारिश हुई। इसलिए पारा गिरा।
मौसम में बदलाव सेहत के लिए नुकसानदायक
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. कुमारजी कौल कहते हैं कि तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। हमारा शरीर हर मौसम में एक नियत तापमान सहने की शक्ति रखता है। ज्यादा या कम तापमान होने पर नजला,खांसी,जुकाम,बुखार हो सकता है। इसलिए सतर्कता बरतने की जरूरत है।
दिन में आठ,रात को पांच डिग्री तक नीचे गिरा पारा
देहरादून में तीन जून को अधिकतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से आठ डिग्री कम था। पिछले साल इन्हीं दिनों तापमान 43 डिग्री तक जा पहुंचा था। वहीं,न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री कम यानी 17.3 डिग्री दर्ज किया गया। यह 2015 के बाद जून में अब तक का सबसे कम तापमान रहा। ऑल टाइम रिकॉर्ड 1986 में 13.1 डिग्री सेल्सियस रहा था। उधर, पंतनगर में न्यूनतम तापमान 18.9, मुक्तेश्वर में 7.6 और नई टिहरी में 9.4 डिग्री सेल्सियस रहा।
समय से पहले संभव है मानसून की दस्तक
मौसम वैज्ञानिक रोहित थपलियाल के मुताबिक, इस बार केरल में मानसून आठ दिन पहले आया है और तेजी से आगे बढ़ रहा है। उत्तराखंड में मानसून आने की सामान्य तारीख 20 जून है। इस बार उम्मीद की रही है कि मानसून समय से पहले दस्तक देगा।
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