Villagers in Nakoda and Kapola Forced to Walk Due to Lack of Road Access बीमार बुजुर्ग को डंडी के सहारे सड़क तक पहुंचाया, Uttarkashi Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttarakhand NewsUttarkashi NewsVillagers in Nakoda and Kapola Forced to Walk Due to Lack of Road Access

बीमार बुजुर्ग को डंडी के सहारे सड़क तक पहुंचाया

बड़कोट तहसील के नकोड़ा और कफोला गांव के ग्रामीण सड़क मार्ग के अभाव में पैदल चलने को मजबूर हैं। 65 वर्षीय बुजुर्ग की तबीयत बिगड़ने पर ग्रामीणों ने उन्हें लकड़ी की डंडी पर कुर्सी बांधकर 6 किमी पैदल...

Newswrap हिन्दुस्तान, उत्तरकाशीSat, 26 April 2025 03:20 PM
share Share
Follow Us on
बीमार बुजुर्ग को डंडी के सहारे सड़क तक पहुंचाया

सड़क मार्ग के अभाव में बड़कोट तहसील के अंतर्गत नकोड़ा व कफोला गांव के ग्रामीण आज भी पैदल चलने को मजबूर हैं। यहां शुक्रवार को नकोड़ा गांव के 65 वर्षीय एक बुजुर्ग की अचानक तबीयत खराब हो गई, लेकिन सड़क सुविधा नहीं होने से ग्रामीणों ने बीमार बुजुर्ग को डंडों पर कुर्सी बांधकर इस डंडी के सहारे किसी तरह पैदल सड़क मार्ग तक पहुंचाया। शासन प्रशासन भले ही सड़क सुविधाओं को लेकर कितने ही दावे करें लेकिन, यह तस्वीरें आज भी सरकार की पोल खोलने के लिए काफी हैं। यमुनोत्री विधानसभा क्षेत्र के नकोडा कपोला गांव के 65 वर्षीय सूरत सिंह चौहान की तबीयत खराब होने पर उन्हें परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से लकड़ी की डंडी के सहारे करीब छह किमी पैदल चलकर मुख्य सड़क मार्ग कुथनौर तक पहुंचाया। क्षेत्र निवासी महावीर पंवार, स्थानीय ग्रामीण जसपाल राणा का कहना है कि नाकोड़ा कफोला गांव के लिए सड़क सुविधा नहीं होने से ग्रामीणों को पैदल ही गांव तक पहुंचना पड़ता है वहीं स्कूली छात्रों को भी हर रोज इंटर कॉलेज कुथनौर तक 6 किमी पैदल दूरी नाप कर स्कूल पहुंचना पड़ता है। वहीं इन गांव तक सड़क नहीं होने से कई बीमार लोगों व प्रसव पीड़िताओं को अपनी जान गवानी पड़ती है। ग्रामीणों को इस भय से प्रसव वाली महिलाओं को कई दिनों पहले सुरक्षित स्थानों में बड़कोट या नौगांव में कमरा लेकर रहने को मजबूर होना पड़ता है।

करीब 300 की आबादी वाले इन गांवों में आज भी सड़क नहीं पहुंच पाई है। सुविधा से वंचित हैं ग्रामीणों व स्कूली छात्रों को बरसात में गाड़ गदेरों, जंगली जानवरों के भय के बीच जान जोखिम में डाल कर आवागमन करना पड़ रहा है। नकोड़ा व कफोला गांव के ग्रामीणों द्वारा चुनाव में मतदान करने का भी बहिष्कार किया गया था, लेकिन बावजूद इसके ग्रामीणों की सुध लेने वाला कोई नहीं है और उत्तराखंड बने 25 साल होने पर भी यह गांव सड़क मार्ग से नहीं जुड़ सके हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।