छात्र-छात्राओं को श्रद्धा, सेवा और संस्कार के प्रति किया जागरूक
विकासनगर, संवाददाता। अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम से संबद्ध सेवा प्रकल्प संस्थान की ओर से आयोजित बाल संस्कार केंद्र प्रमुखों के प्रशिक्षण वर्ग का म

अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम से संबद्ध सेवा प्रकल्प संस्थान की ओर से आयोजित बाल संस्कार केंद्र प्रमुखों के प्रशिक्षण वर्ग का मंगलवार को समापन हुआ। सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज बाबूगढ़ में छह दिनों तक चले वर्ग में श्रद्धा, सेवा और संस्कार के प्रति जागरूक किया गया। वर्ग के समापन पर संस्कार केंद्रों के नौनिहालों ने मनमोहक प्रस्तुतियां दी। समापन पर बतौर मुख्य वक्ता अखिल भारतीय कल्याण आश्रम के क्षेत्रीय संगठन मंत्री डालचंद ने कहा कि वनवासी समाज की संस्कृति और परंपराओं की रक्षा करने के साथ-साथ उनका सर्वांगीण विकास कर उन्हें स्वावलंबी बनाना, संगठित करके देश के लिए खड़ा करना कल्याण आश्रम का उद्देश्य है।
कहा कि कल्याण आश्रम वनवासी और नगरवासी के बीच एक सेतु का कार्य कर रहा है। इसलिए संस्था का ध्येय वाक्य है-‘तू-मैं, एक रक्त है। उन्होंने कहा कि वनवासी समाज के युवा अपने अधिकारों के लिए खड़े हो रहे हैं। वे अपना विकास भी कर रहे हैं। राष्ट्रीय विचारों के साथ स्वर मजबूत कर रहे हैं। यही तो पूरा देश चाहता है। उन्होंने बताया कि बाल संस्कार केंद्रों में बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के साथ ही श्रेष्ठ संस्कार दिए जा रहे हैं। देहरादून जिले के चकराता, कालसी और विकासनगर के 198 स्थानों पर 248 संस्कार केंद्र संचालित हो रहे हैं। वर्ग के समापन पर बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ ही विभिन्न गतिविधियों में अपने हुनर का प्रदर्शन किया। इस दौरान दीपचंद जोशी, कै. मेहर सिंह, संदीप मोंगा, संदीप कुमार, रमेश नेगी आदि मौजूद रहे।
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