Maa Durga Aarti Jai Ambe Gauri Maiya Jai Shyama Gauri Aarti Maa Durga Ki In Hindi Maa Durga Aarti: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी, तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी, पढ़ें दुर्गा जी की आरती, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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Maa Durga Aarti: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी, तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी, पढ़ें दुर्गा जी की आरती

  • Maa Durga Aarti In Hindi: चैत्र नवरात्रि 8 दिनों की होगी। इन आठ दिनों तक पूरे भक्ति भाव के साथ मां दुर्गा की पूजा व आरती करने से पुण्य फल की प्राप्ति होगी। पढ़ें दुर्गा माता की आरती-

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 29 March 2025 07:48 PM
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Maa Durga Aarti: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी, तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी, पढ़ें दुर्गा जी की आरती

Maa Durga Aarti: हर साल 4 बार नवरात्रि मनाई जाती है, जिनमें 2 नवरात्रि का खास महत्व है। इस साल चैत्र नवरात्रि रविवार, 30 मार्च 2025 से शुरू हो रही है। चैत्र नवरात्रि 8 दिनों की होगी। इन आठ दिनों तक पूरे भक्ति भाव के साथ मां दुर्गा की पूजा व आरती करने से पुण्य फल की प्राप्ति होगी। इसलिए नवरात्रि में रोज सुबह-शाम जरूर करें माता दुर्गा की आरती। पढ़ें दुर्गा माता की आरती-

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी, तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी, पढ़ें दुर्गा जी की आरती

ॐ जय अम्बे गौरी…

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जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।

तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को ।

उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै ।

रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी ।

सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।

कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती ।

धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे ।

मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी ।

आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों ।

बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता,

भक्तन की दुख हरता । सुख संपति करता ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

भुजा चार अति शोभित, खडग खप्पर धारी ।

मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ।

श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे ।

कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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