Navratri: सुबह 06:13 से शुरू होगा कलश स्थापना का उत्तम मुहूर्त, जानें नवरात्रि पूजा-विधि
- Navratri 2025 Timing: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश की स्थापना कर पूजन शुरू किया जाता है। कई भक्तजन नवरात्रि के 9 दिन व्रत रखते हैं। कलश की स्थापना सदैव शुभ मुहूर्त में विधिवत करनी चाहिए।

Navratri 2025 Timing: 30 मार्च, रविवार के दिन चैत्र नवरात्रि का पहला व्रत रखा जाएगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश की स्थापना कर पूजन शुरू किया जाता है। कई भक्तजन नवरात्रि के 9 दिन व्रत रखते हैं। कलश की स्थापना सदैव शुभ मुहूर्त में विधिवत करनी चाहिए। कलश को तीर्थों का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में कलश स्थापना करने के साथ ही देवी देवताओं का आह्वान भी किया जाता है। कलश के अलग-अलग भागों में त्रिदेवों का वास होता है। कलश के मुख पर भगवान विष्णु, कंठ पर भगवान शिव और मूल में ब्रह्माजी का स्थान माना गया है। कलश के मध्य भाग में मातृ शक्तियों का निवास होता है। इसलिए नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करने के साथ ही देवी-देवताओं को घर में निमंत्रण दिया जाता है।
सुबह 06:13 से शुरू होगा कलश स्थापना का उत्तम मुहूर्त: दृक पंचांग के अनुसार, 30 मार्च को कलश स्थापना मुहूर्त सुबह 06:13 से 10:22 एएम तक रहेगा, जिसकी अवधि - 04 घण्टे 08 मिनट्स। कलश स्थापना का दूसरा मुहूर्त अभिजित मुहूर्त रहेगा, जो दोपहर 12:01 से 12:50 तक है, जिसकी अवधि - 00 घण्टे 50 मिनट्स है।
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ - मार्च 29, 2025 को 04:27 पी एम
प्रतिपदा तिथि समाप्त - मार्च 30, 2025 को 12:49 पी एम
पूजा-विधि
1- सुबह उठकर स्नान करें और मंदिर साफ करें
2- कलश स्थापना के बाद दुर्गा माता का गंगाजल से अभिषेक करें।
3- मैया को अक्षत, लाल चंदन, चुनरी, सफेद और लाल पुष्प अर्पित करें।
4- सभी देवी-देवताओं का जलाभिषेक कर फल, फूल और तिलक लगाएं।
5- प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।
6- घर के मंदिर में धूपबत्ती और घी का दीपक जलाएं
7- दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें
8 - फिर पान के पत्ते पर कपूर और लौंग रख माता की आरती करें।
9 - अंत में क्षमा प्रार्थना करें।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।