मर चुके शख्स के फर्जी दस्तखत से बनवाई वसीयत, हड़प लिया मकान; 25 साल बाद दर्ज हुई रिपोर्ट
- आरोप है कि आरोपितों ने पीड़ित के पिता की फोटो लगाकर उनके फर्जी हस्ताक्षर कर वसीयत तैयार की। कोई भी वारिस नहीं होने की बात दर्शाकर उनका मकान अपने नाम कर लिया। वसीयत में आरोपितों ने पिता की मौत के 13 दिन बाद की तारीख दिखाई है।

कानपुर के फजलगंज में मृतक के फर्जी हस्ताक्षर से वसीयत तैयार कर मकान हड़पने का मामला सामने आया है। 25 साल से न्याय की तलाश में भटक रही पीड़िता ने शिकायत पुलिस कमिश्नर से की तो जांच शुरू हुई। सात नामजद और कई अज्ञात पर धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की गई है।
उरई निवासी प्रवीन सिंह ने बताया कि उनका पैतृक मकान दर्शनपुरवा में है। एक फरवरी 1997 को पिता विष्णु पाल सिंह ने घर बेचने के लिए 28 लाख रुपये में जितेंद्र पाठक, मो. अकील, रशीन अहमद, कमाल अहमद से एग्रीमेंट किया था। इस दौरान दो लाख रुपये एडवांस दिए गए थे। मकान की रजिस्ट्री से पहले चचेरे भाई ने कोर्ट से स्टे ले लिया जिसके बाद परिवार उरई जाकर रहने लगा। पांच मार्च 1999 को पिता की हादसे में मौत हो गई।
आरोप है कि आरोपितों ने पिता की फोटो लगाकर उनके फर्जी हस्ताक्षर कर वसीयत तैयार की। कोई भी वारिस नहीं होने की बात दर्शाकर मकान अपने नाम कर लिया। वसीयत में आरोपितों ने पिता की मौत के 13 दिन बाद की तारीख दिखाई है। फजलगंज थाना प्रभारी सुनील कुमार के मुताबिक पीड़िता की शिकायत पर जांच के बाद जितेंद्र पाठक, रमेश मिश्रा, रीता मिश्रा, अनिल सक्सेना, घनश्याम मौर्य, अनिल सिंह, सरोज कुमार प्रधान समेत अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है।
स्टे के बावजूद साझेदारों से खरीदा हिस्सा
पीड़िता के अनुसार जब उनके पिता ने मकान का एग्रीमेंट किया था। उस वक्त चचेरे भाई ने स्टे लिया था। उसके बावजूद आरोपितों ने पिता की मौत के बाद मकान के अन्य साझेदारों का हिस्सा खरीद लिया।
परिवार के सदस्यों को दिखाया गया अक्षम
आरोपित ने वसीयत में दर्शाया कि उनके पिता विष्णु पाल ने परिवार के सदस्यों को अक्षम बताया। जबकि उनके परिवार के सदस्यों में कोई विवाद नहीं था। वहीं आरोपित ने बताया कि वह एग्रीमेंट की शेष रकम दे चुका है। जबकि उन लोगों को कोई रकम नहीं मिली।
क्या बोली पुलिस
डीजीपी सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। जांच में जो भी दोषी पाया गया उसके खिलाफ सख्त ऐक्शन लिया जाएगा।