नक्शा पास करने में आनाकानी! यूपी के 80% प्राधिकरणों में सामने आई ये दिक्कत
शासन ने लोगों को राहत देने के लिए ऑनलाइन नक्शा पास करने की व्यवस्था की है। इसमें 1000 वर्ग फीट तक के भवनों के नक्शे स्वत: पास करने की व्यवस्था है। अन्य नक्शों में भी वस्तुविद के प्रमाण पत्र पर कोई कमी न होने पर यथाजल्द उसे पास करने की व्यवस्था है। इसके बाद भी नक्शा पास करने में आनाकानी की जाती है।

राज्य सरकार के लाख चाहने के बाद भी विकास प्राधिकरणों द्वारा नक्शा पास करने में लापरवाही बरती जा रही है। आवास विभाग की समीक्षा बैठक में पाया गया है कि प्रदेश के 80 फीसदी से अधिक विकास प्राधिकरणों में नक्शा पास करने की स्थिति खराब है। इन विकास प्राधिकरणों द्वारा पिछले साल की अपेक्षा इस साल कम संख्या में नक्शा पास किए गए हैं। प्रमुख सचिव आवास पी गुरुप्रसाद ने इस पर नाराजगी जताते हुए इसमें तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रमुख सचिव आवास हर महीने विकास प्राधिकरणों की बिंदुवार कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हैं। शासन ने लोगों को राहत देने के लिए ऑनलाइन नक्शा पास करने की व्यवस्था की है। इसमें 1000 वर्ग फीट तक के भवनों के नक्शे स्वत: पास करने की व्यवस्था है। इसके अलावा अन्य नक्शों में वस्तुविद के प्रमाण पत्र पर कोई कमी न होने पर यथाजल्द उसे पास करने की व्यवस्था है। इसके बाद भी विकास प्राधिकरणों द्वारा इसमें कमियां निकाल कर नक्शा पास करने में आनाकानी की जाती है।
प्रमुख सचिव आवास की अध्यक्षता में हुई बैठक में पाया गया है कि लखनऊ, अयोध्या, कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज, मेरठ, आगरा, मथुरा-वृंदावन, वाराणसी, आजमगढ़, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, सहारनपुर, फिरोजाबाद-शिकोहाबाद, रायबरेली, रामपुर, बरेली, हापुड़-पिलखुआ, झांसी में पिछले वर्ष की तुलना में कम मानचित्र स्वीकृत किए गए हैं। प्रमुख सचिव आवास द्वारा निर्देश दिया गया है कि विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अपने स्तर पर नक्शा अस्वीकृत होने के कारणों की समीक्षा करेंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नक्शों पर अनावश्यक आपत्तियां न लगाई जाएं। आवेदकों द्वारा जमा किए गए नक्शे पर सभी खामियां एक बार में ही सूचित कर दी जाएं।
एनओसी और सड़क चौड़ाई का बड़ा खेल
नक्शा पास करने में अनापत्ति प्रमाण पत्र और सड़क चौड़ाई का बड़ा खेल होता है। विकास प्राधिकरण योजना में तो एनओसी का झंझट नहीं है, लेकिन अन्य में इसका सहारा लेकर मामले को फंसाया जाता है। नक्शा पास कराने के लिए फायर विभाग, जल संस्थान, बिजली विभाग, पर्यावरण, नजूल व इंप्रूवमेंट ट्रस्ट, नगर निगम, हेरिटेज विभाग और जरूरी हुआ तो एयरपोर्ट अथॉरिटी से भी एनओसी लेना होता है। इसके साथ ही भवन विकास उपविधि में सड़क की चौड़ाई के लिए तय मानक को भी आधार बनाकर आपत्तियां लगा दी जाती हैं। इसे पाने के लिए नक्शा पास कराने के लिए काफी समय लगता है।
ये लगाते हैं आपत्तियां
-छोटी-छोटी आपत्तियां लगाकर नक्शा वापस किया जाता है
-तर्क दिया जाता है तय मानक पर नक्शा नहीं बनाया गया है
-सेट बैक को लेकर सबसे अधिक आपत्तियां लगाई जाती हैं
-बड़े भवनों में पार्किंग और खुले स्थान को लेकर आपत्तियां
-छोटे भवनों में ऊंचाई को लेकर आपत्तियां लगा दी जाती हैं