मैं भगवती का अंश, संभल यात्रा से पहले ममता कुलकर्णी ने बताया धरती पर आने का मकसद
ममता कुलकर्णी, अब संन्यासिनी महामंडलेश्वर ममता अनंत गिरी के रूप में आध्यात्मिक मिशन लेकर रविवार को संभल आ रही हैं। वह यहां ऐंचौड़ा कंबोह स्थित निर्माणाधीन श्री कल्किधाम में शिलादान करेंगी। इसके पहले एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मैं मां भगवती का अंश हूं।

एक समय बॉलीवुड की चर्चित अभिनेत्री रहीं ममता कुलकर्णी, अब संन्यासिनी महामंडलेश्वर ममता अनंत गिरी के रूप में आध्यात्मिक मिशन लेकर रविवार को संभल आ रही हैं। वह यहां ऐंचौड़ा कंबोह स्थित निर्माणाधीन श्री कल्किधाम में शिलादान करेंगी। इस कार्यक्रम को लेकर एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मैं मां भगवती का अंश हूं और उन्होंने मुझे ऐसे कार्यों के लिए इस धरती पर भेजा है। इस इंटरव्यू का वीडियो शनिवारको कल्कि पीठाधीश्वर प्रमोद कृष्णम ने एक व्हाट्सऐप ग्रुप में में शेयर किया है।
ममता ने बताया कि कैसे वे कुंभ स्नान के लिए गई थीं लेकिन वहां से एक महामंडलेश्वर बनकर लौटीं। यह सब मां भगवती की प्रेरणा से हुआ। उन्होंने कहा अब श्री कल्किधाम में होने वाला यह शिलादान भी मां का आदेश ही लगता है। यह मेरा सौभाग्य है कि मैं इस पवित्र भूमि की आधारशिला रख पाऊंगी। उन्होंने श्रद्धा से कहा कि यह अवसर न केवल उनके आध्यात्मिक जीवन का एक अहम पड़ाव होगा, बल्कि श्री कल्किधाम के लिए भी एक विशेष दिन बन जाएगा, जब एक पूर्व अभिनेत्री से महामंडलेश्वर बनी साध्वी वहां आधारशिला रखेगी।
कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उनके आने की पुष्टि करते हुए बताया कि वह एक जून को शिलादान करेंगी। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस दौरान श्री कल्कि धाम में मासिक सत्संग का आयोजन किया जाएगा। सुबह नौ बजे यज्ञ होगा। जिसके बाद भंडारे का आयोजन किया जाएगा। संभल सहित पूरे क्षेत्र में इस कार्यक्रम को लेकर उत्साह और श्रद्धा का माहौल है। धार्मिक अनुयायी और साधक इस दिव्य क्षण के साक्षी बनने को आतुर हैं।
महामंडलेश्वर विवाद पर क्या कहा
हाल में ममता कुलकर्णी का एक और बयान सामने आया था जिसमें उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ के दौरान किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर नियुक्त किए जाने के बाद विवाद पर अपनी बात रखी थी। ममता कुलकणी ने एएनआई से बात करते हुए कहा था कि मेरे लिए ईश्वर की कृपा थी उस कुंभ में महामंडलेश्वर बनना जो 140 सालों में सबसे पवित्र अवसर था। भगवान ने मुझे मेरी 25 साल की तपस्या का फल दिया।