पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान किस काम में बर्बाद हुआ 15% समय? CDS अनिल चौहान ने बताया
उन्होंने बताया कि भारत ने चीन के साथ 3,488 किमी लंबी LAC (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) पर कोई असामान्य गतिविधि नहीं देखी, हालांकि पाकिस्तान और चीन के बीच घनिष्ठ सैन्य संबंध हैं।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने शनिवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान लगभग 15% समय फेक न्यूज और गलत सूचना का मुकाबला करने में चला गया। उन्होंने इस चार दिवसीय सैन्य संघर्ष को नॉन-कॉन्टैक्ट और मल्टी-डोमेन युद्ध करार दिया, जो भविष्य के युद्धों का संकेत देता है। शांगरी-ला डायलॉग में बोलते हुए और एक इंटरव्यू में CDS ने कहा, "संकट के दौरान भारत ने पूर्ण संचालनात्मक स्पष्टता और स्वायत्तता बनाए रखी, चाहे वैश्विक भू-राजनीतिक परिप्रेक्ष्य कुछ भी रहा हो।"
उन्होंने बताया कि भारत ने चीन के साथ 3,488 किमी लंबी LAC (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) पर कोई असामान्य गतिविधि नहीं देखी, हालांकि पाकिस्तान और चीन के बीच घनिष्ठ सैन्य संबंध हैं।
चीन से सीधी मदद का कोई प्रमाण नहीं
जनरल चौहान ने यह भी कहा कि भले ही पाकिस्तान ने चीनी सैटेलाइट का इस्तेमाल किया हो, लेकिन "रियल-टाइम टार्गेटिंग सपोर्ट" दिए जाने का कोई सबूत नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान द्वारा हाल के वर्षों में खरीदे गए 80% हथियार चीन से आए हैं, जिससे ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स द्वारा रखरखाव सहायता की संभावना जरूर बनती है।
भारत ने घरेलू सिस्टमों पर किया भरोसा
इसके विपरीत, भारत ने 'आकाश' मिसाइल सिस्टम जैसे घरेलू हथियारों पर भरोसा करते हुए विभिन्न स्वदेशी और विदेशी रडार सिस्टमों को एकीकृत रक्षा ढांचे में जोड़कर सफलता प्राप्त की।
आतंकवाद के खिलाफ नई रेड लाइन खींची
CDS ने कहा कि भारत ने अब आतंकवाद और प्रॉक्सी वॉर के खिलाफ एक नई रेडलाइन तय कर दी है और उम्मीद जताई कि पाकिस्तान इससे सबक सीखेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भविष्य में पाकिस्तान से जुड़ा कोई भी आतंकी हमला हुआ तो भारत की प्रतिक्रिया सटीक और निर्णायक होगी।
सूचना युद्ध की जरूरत
उन्होंने बताया कि फेक न्यूज़ और गलत प्रचार के खिलाफ लड़ाई में समय और ऊर्जा लगी। इसलिए उन्होंने इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर के लिए एक अलग 'वर्टिकल' की आवश्यकता बताई। शुरुआत में दो महिला अफसरों को प्रवक्ता नियुक्त किया गया था, जबकि सीनियर सैन्य अधिकारी ऑपरेशन में व्यस्त थे। 10 मई के बाद तीनों सेनाओं के DGMOs ने मीडिया को ब्रीफ किया।
साइबर हमले सीमित रहे
जनरल चौहान ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान साइबर हमले सीमित थे। हालांकि कुछ डिनायल-ऑफ-सर्विस अटैक हुए, लेकिन भारत के एयर-गैप्ड सैन्य सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित रहे। आम जनता के प्लेटफॉर्म्स पर मामूली व्यवधान जरूर आया, लेकिन सैन्य संचालन में कोई प्रभाव नहीं पड़ा।