'देश को गुमराह कर रही मोदी सरकार', CDS के बयान के बाद कांग्रेस की कारगिल वाली मांग
सिंगापुर में एक इंटरव्यू के दौरान सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि पाकिस्तान से पहले दिन के सैन्य टकराव में विमानों को नुकसान पहुंचने की बात स्वीकार की थी। इसपर कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा है।

कांग्रेस ने शनिवार को प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) अनिल चौहान के एक बयान का हवाला देते हुए सरकार पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि कई अहम सवालों का जवाब देने के लिए सरकार को तत्काल संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए। पार्टी कहा कि सरकार को इस बारे में सच बताना चाहिए कि क्या नुकसान हुआ है।
कांग्रेस ने यह भी कहा कि कारगिल समीक्षा समिति की तर्ज पर एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति द्वारा देश की मौजूदा रक्षा तैयारियों की व्यापक समीक्षा कराई जानी चाहिए। जनरल अनिल चौहान ने पाकिस्तान के साथ हालिया सैन्य टकराव में विमान के नुकसान की बात स्वीकार की थी, लेकिन राफेल छह भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराने के इस्लामाबाद के दावे को एकदम गलत बताया है।
‘ब्लूमबर्ग टीवी’ के साथ एक साक्षात्कार में चौहान ने कहा कि यह पता लगाना अधिक महत्वपूर्ण है कि विमान का नुकसान क्यों हुआ, ताकि भारतीय सेना रणनीति में सुधार कर सके और फिर से जवाबी हमला कर सके। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'सिंगापुर में एक इंटरव्यू में सीडीएस द्वारा की गई टिप्पणियों के मद्देनजर, कुछ बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न हैं जिन्हें पूछे जाने की आवश्यकता है। ये तभी पूछे जा सकते हैं जब संसद का विशेष सत्र तत्काल बुलाया जाए।"
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने देश को गुमराह किया है। खरगे ने कहा, "हमारी वायुसेना के पायलट दुश्मन से लड़ते हुए अपनी जान जोखिम में डाल रहे थे। हमें कुछ नुकसान हुआ है, लेकिन हमारे पायलट सुरक्षित हैं...हम उनके दृढ़ साहस और बहादुरी को सलाम करते हैं। हालांकि, एक व्यापक रणनीतिक समीक्षा समय की मांग है।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी कारगिल समीक्षा समिति की तर्ज पर एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति द्वारा हमारी रक्षा तैयारियों की व्यापक समीक्षा की मांग करती है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "29 जुलाई 1999 को, वाजपेयी सरकार ने भारत के रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ के. सुब्रमण्यम , जिनके पुत्र अब हमारे विदेश मंत्री हैं, की अध्यक्षता में कारगिल समीक्षा समिति का गठन किया था। यह कारगिल युद्ध समाप्त होने के ठीक तीन दिन बाद की बात है।" उन्होंने कहा कि इस समिति ने पांच महीने बाद अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की और 'फ़्रॉम सरप्राइज़ टू रेकनिंग' शीर्षक वाली रिपोर्ट को आवश्यक संशोधनों के बाद 23 फरवरी, 2000 को संसद के दोनों सदनों के पटल पर रखा गया।
रमेश ने सवाल किया कि क्या अब सीडीएस ने सिंगापुर में जो खुलासा किया है, उसके आलोक में मोदी सरकार भी वैसा ही कदम उठाएगी? कांग्रेस नेता और तेलंगाना सरकार के मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने जनरल चौहान के बयान का हवाला देते हुए दावा किया, "यह बहुत स्पष्ट रूप से प्रतीत होता है कि चार दिवसीय अभियान में एक राफेल लड़ाकू विमान को गिराया गया...आज, सीडीएस जनरल चौहान ने पुष्टि की है कि चार दिवसीय ऑपरेशन में एक विमान को गिराया गया था। तथ्य यह है कि लड़ाकू विमान को गिराया गया था, भारत सरकार को इससे इनकार करना बंद करना होगा। सीडीएस ने खुद इसका उल्लेख किया है।"
उन्होंने संवादाताओं से कहा, "इससे पहले, एयर मार्शल (अवधेश कुमार) भारती ने डीजीएमओ के साथ अपनी ब्रीफिंग में परोक्ष रूप से इसका उल्लेख किया था।" रेड्डी ने कहा, "हमें खुशी है कि उद्देश्य (ऑपरेशन सिंदूर के) हासिल कर लिए गए हैं, लेकिन तथ्य यह है कि लड़ाकू विमान गिरे थे... भारत सरकार को इससे इनकार करना बंद करना चाहिए। सीडीएस ने खुद इसका उल्लेख किया है और एयर मार्शल भारती ने भी ऐसा किया था।"
तेलंगाना के मंत्री ने दोहराया कि कांग्रेस हर प्रयास में भारतीय सशस्त्र बलों का समर्थन करती है। उन्होंने कहा, "पार्टी उन्हें बधाई देती है क्योंकि उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है और हमें उन पर गर्व है, हम उन्हें सलाम करते हैं।" भारतीय वायुसेना के पूर्व पायलट रेड्डी ने कहा, "मुझे लगता है कि प्रौद्योगिकी के गंभीर पुनर्मूल्यांकन की आवश्यकता है ताकि सबक सीखा जा सके और हम आगे बढ़ें और सुधार करें।" उन्होंने इन आरोपों का खंडन किया कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है और कहा कि हर युद्ध या संघर्ष के बाद, सभी देश यह खुलासा करते हैं कि उन्होंने दुश्मन को क्या नुकसान पहुंचाया और उन्हें क्या नुकसान हुआ।