सांसों पर फिर आने वाला है संकट? NCR में तेजी से फैल रहा कोरोना, अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट की चेकिंग
दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ते दिख रहे हैं। हालात बेकाबू ना होंं इसको लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारियां जांचने के साथ ही इससे निपटने के प्रयास और इंतजाम भी तेज कर दिए हैं।

दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ते दिख रहे हैं। हालात बेकाबू ना होंं इसको लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारियां जांचने के साथ ही इससे निपटने के प्रयास और इंतजाम भी तेज कर दिए हैं। इसके तहत नोएडा से लेकर गाजियाबाद तक सरकारी अस्पतालों में लगे ऑक्सीजन प्लांट की जांच गई।
गौतमबुद्धनगर जिले के अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट सही मिले
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए ऑक्सीजन की उपलब्धता और सप्लाई को लेकर शनिवार को गौतमबुद्धनगर जिले में सात स्थानों पर मॉकड्रिल की गई। छह अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट सही मिले, एक स्थान पर प्लांट स्थापित नहीं हुआ है। इसे जल्द स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने प्लांट की तकनीकी पहलुओं की जानकारी ली। साथ यह भी देखा गया कि प्लांट सही काम कर रहा है या नहीं। ऑक्सीजन की उपलब्धता और प्लांट से इसकी सप्लाई की प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी ली गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नोएडा सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल में चार ऑक्सीजन प्लांट, बिसरख, जेवर और दादरी सीएचसी पर एक-एक, चाइल्ड पीजीआई में दो और जिम्स ग्रेटर नोएडा में तीन ऑक्सजीन प्लांट को परखा।
चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि सभी स्थानों पर ऑक्सजीन प्लांट सही मिले। ऑक्सजीन की सप्लाई सहित अन्य प्रक्रियाओं की जांच स्वास्थ्य विभाग की टीम ने की। यह एक रुटीन मॉक ड्रिल थी, जो नियमित अंतराल पर होती रहती है।
भंगेल सीएचसी में प्लांट नहीं लगा : भंगेल सीएचसी पर ऑक्सीजन प्लांट सीएसआर फंड के तहत मिला था, यह प्लांट अब तक स्थापित नहीं किया गया है। इसे स्थापित करने के लिए कंपनी को स्वास्थ्य विभाग ने कई बार पत्र लिखा है, लेकिन कंपनी के प्रतिनिधि नहीं आए।
गाजियाबाद के कई अस्पतालों के ऑक्सीजन प्लांट की तैयारी परखी
गाजियाबाद जिले में भी कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए शनिवार को एमएमजी समेत कई अस्पतालों के ऑक्सीजन प्लांट यूनिट की वर्तमान स्थिति की जांच की गई। कहीं प्लांट बंद मिला तो कहीं बिजली न होने के कारण चालू नहीं हो सका। सभी प्लांटों पर व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से शनिवार को नौ स्थानों पर लगे प्लांट की कार्यशीलता की जांच की गई। एमएमजी अस्पताल में दो ऑक्सीजन प्लांट लगे हैं। इनमें से 150 एलपीएम और एक हजार एलपीएम शामिल है। डॉ. चरण सिंह के नेतृत्व में जांच के दौरान एक हजार एलएमपी का प्लांट बंद मिला। इसमें लिक्विड ऑक्सीजन रखी जाती है।
जांच के दौरान पता चला कि फंड के अभाव में यह प्लांट बंद है। वहीं, दूसरा प्लांट चालू मिला। दूसरी ओर महिला अस्पातल में डॉ. अभिषेक त्रिपाठी के नेतृत्व में प्लांट की जांच की गई। जहां सब कुछ ठीक पाया गया। दूसरी ओर संयुक्त जिला अस्पताल में एसीएमओ डॉ. अमित विक्रम ने दोनों प्लांट की जांच की। इसमें सब कुछ सही पाया गया। बताया गया कि यहां दोनों प्लांट रोजाना दो-दो घंटे चलाई जाते हैं और इनसे वार्डों में सप्लाई भी दी जाती है।
जनरेटर खराब होने से प्लांट नहीं चला
लोनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में लगाए गए ऑक्सीजन प्लांट की मॉकड्रिल के दौरान बिजली आपूर्ति बाधित रही। उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पंकज राजेश ने बिजली सप्लाई बाधित होने पर प्लांट को जनरेटर से चलाने के निर्देश दिए, लेकिन अस्पताल परिसर में रखा जनरेटर खराबी के चलते चालू नहीं हो सका।
एडिशनल सीएमओ ने नाराजगी जताई
एडिशनल सीएमओ डॉ. राजेश तेवतिया दोपहर एक बजे मोदीनगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के ऑक्सीजन प्लांट पर पहुंचे। वहां पर उन्होंने जनरेटर सहित अन्य सामान की जांच की। ऑक्सीजन प्लांट के कंप्रेसर में खराबी मिली, जिस कारण ऑक्सीजन प्लांट नहीं चला। उन्होंने देखरेख करने वाली कंपनी को नोटिस भेजने को कहा और जनरेटर न चलने पर नाराजगी जताई।
डॉ.अखिलेश मोहन, सीएमओ गाजियाबाद, ''जिन ऑक्सीजन प्लांट में कमी पाई गई हैं, उनको ठीक कराया जाएगा। यह जांच इसी उद्देश्य से कराई गई थी, ताकि प्लांटों में कमी का पता चल सके। विभाग किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना करने को तैयार है।''
नोएडा में कोरोना के 14 नए मरीज मिले, कोई भी गंभीर नहीं
नोएडा स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को कोरोना संक्रमित 14 नए मरीजों के मिलने की पुष्टि की। इनमें से नौ पुरुष और पांच महिलाएं हैं। सभी का इलाज होम आइसोलेशन में चल रहा है। इसके साथ यहां अब कुल मरीजों की संख्या 57 हो गई है। पिछले दो दिनों में ही कोरोना संक्रमित 33 नए मरीज मिले हैं। जिला निगरानी अधिकारी डॉ. टीकम सिंह ने बताया कि नए मरीजों में बीमारी के सामान्य लक्षण हैं। मरीजों का इलाज शुरू है। इन पर निगरानी रखी जा रही है। इनके संपर्क में आए किसी भी व्यक्ति में संक्रमण के लक्षण नहीं मिले हैं।
जिला अस्पताल में तीन के नमूने भेजे : सरकारी स्तर पर कोरोना संक्रमण की जांच काफी कम हो रही है। शनिवार को जिला अस्पताल से महज तीन मरीजों के नमूने जांच के लिए चाइल्ड पीजीआई भेजे गए हैं। पिछले पांच दिनों से अस्पताल में इक्का-दुक्का मरीजों के ही नमूने जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। प्रदेश सरकार की ओर से अभी भी कोरोना संक्रमण को लेकर कोई नया दिशा-निर्देश नहीं मिला है।