कुंभ में भी तो 50-60 लोग मारे गए, लेकिन... बेंगलुरु भगदड़ पर क्या बोल गए CM सिद्धारमैया
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और राहुल गांधी ने भी भगदड़ में कई लोगों की मौत पर दुख जताया और कहा कि राज्य सरकार को ऐसे आयोजनों के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल की तुरंत समीक्षा करनी चाहिए और उन्हें मजबूत करना चाहिए।

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ की दुखद घटना ने पूरे देश का ध्यान खींचा है। इस हादसे में 11 लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने की खबर है। इस घटना के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के एक बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। सिद्धारमैया ने बेंगलुरु भगदड़ पर कहा कि वह कुंभ मेले जैसी अन्य जगहों पर हुई ऐसी ही त्रासदियों से तुलना करके इस दुर्घटना को उचित नहीं ठहराएंगे। हालांकि उन्होंने कुंभ में मरने वालों का भी जिक्र किया।
क्या थी बेंगलुरु भगदड़ की घटना?
यह दुखद घटना उस समय हुई जब चिन्नास्वामी स्टेडियम में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की जीत के बाद प्रशंसकों की भारी भीड़ जश्न मनाने के लिए एकत्र हुई थी। जानकारी के अनुसार, यह भगदड़ RCB की IPL 2025 की जीत के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम के दौरान हुई। भीड़ के अनियंत्रित होने और अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के कारण यह हादसा हुआ, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए।
सिद्धारमैया का बयान और विवाद
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस हादसे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "ऐसी घटनाएं कई जगहों पर हुई हैं। मैं अब इसकी तुलना यहां-वहां होने की बात कहकर इसका बचाव नहीं करूंगा। कुंभ मेले में 50-60 लोग मारे गए थे, मैंने इसकी आलोचना नहीं की।" सीएम सिद्धारमैया ने कहा, "अगर कांग्रेस आलोचना करती है, तो यह अलग बात है। क्या मैंने या कर्नाटक सरकार ने आलोचना की?"
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सरकार घायलों को मुफ्त इलाज भी मुहैया कराएगी। मुख्यमंत्री ने कहा, "विजय समारोह के दौरान एक बड़ी त्रासदी घटी। यह घटना चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई। सरकार ने मृतकों के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है। सरकार घायलों को मुफ्त इलाज मुहैया कराएगी।"
घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए सीएम सिद्धारमैया ने कहा, "भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 33 लोग घायल हो गए। यह त्रासदी नहीं होनी चाहिए थी। सरकार इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करती है।" कर्नाटक के सीएम ने आगे कहा कि उन्होंने मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। सीएम सिद्धारमैया ने कहा, "मैं इस घटना का बचाव नहीं करना चाहता। हमारी सरकार इस पर राजनीति नहीं करेगी। मैंने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं और 15 दिन का समय दिया है। लोगों ने स्टेडियम के गेट भी तोड़ दिए। भगदड़ मच गई। किसी को भी इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद नहीं थी। स्टेडियम की क्षमता केवल 35,000 लोगों की है, लेकिन 2-3 लाख लोग आए।"
सिद्धारमैया के बयान पर केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा, "...मैं उन्हें सलाह देता हूं कि वे महाकुंभ की तुलना इस घटना से न करें। यह सरकार की विफलता है... जब वे विधान सौधा और चिन्नास्वामी स्टेडियम के सामने सम्मान समारोह आयोजित करना चाहते थे, तो पुलिस अधिकारियों ने पहले ही सलाह दे दी थी। पुलिस आयुक्त ने कहा कि दोनों जगहों पर एक साथ सुरक्षा प्रदान करना असंभव है... उन्होंने सलाह को नजरअंदाज कर दिया..."
सिद्धारमैया का स्पष्टीकरण
विवाद बढ़ने के बाद सिद्धारमैया ने अपने बयान पर सफाई देने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि उनका इरादा बेंगलुरु हादसे को कमतर आंकने का नहीं था, बल्कि वे यह बताना चाह रहे थे कि ऐसी घटनाएं अप्रत्याशित हो सकती हैं और उनकी तुलना अन्य घटनाओं से नहीं की जानी चाहिए। बता दें कि आरसीबी ने मंगलवार को अहमदाबाद में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के फाइनल में पंजाब किंग्स को छह रन से हराकर अपना पहला खिताब जीता।