जन्मजात बीमारियों के इलाज में देरी घातक
Lucknow News - -केजीएमयू में पीडियाट्रिक सर्जरी जागरूकता सप्ताह मना -अनुवांशिक बीमारी से पीड़ित के परिवारीजन संजीदा रहें,

लखनऊ, वरिष्ठ संवाददाता। बच्चों की जन्मजात बीमारियों को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। बल्कि समय रहते इलाज कराएं। कई बीमारियां दवाओं से ठीक हो जाती हैं। कुछ में ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है। डॉक्टर की सलाह पर पीडियाट्रिक सर्जन से मिलकर इलाज कराएं। यह सलाह केजीएमयू पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. जेडी रावत ने दी। शुक्रवार को ओपीडी में पीडियाट्रिक सर्जरी सप्ताह के तहत जन्मजात बीमारियों के प्रति जागरूकता कार्यक्रम हुआ। इसमें डॉक्टर, नर्स, तीमारदार व बच्चों को बीमारियों व बचाव के बारे में बताया गया। डॉ. जेडी रावत ने कहा कि जन्मजात बीमारियों का 90 प्रतिशत कारण अनुवांशिक होता है।
लिहाजा यदि एक बच्चे में दिक्कत हुई तो परिवार के सदस्यों के संजीदा हो जाना चाहिए। बाकी सदस्यों को डॉक्टर की सलाह पर जांच करानी चाहिए। वहीं भविष्य में पीड़ित बच्चे को भी अनुवांशिक जांचें करानी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी को गंभीर जन्मजात बीमारी से बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि बहुत से बच्चों का जन्म से शौच का रास्ता नहीं बना होता है। यूरीन का रास्ता भी सही जगह पर नहीं होता है। न्यूरल ट्यूब दोष, कटे होंठ तालू, दिल में सुराख समेत बहुत सी बीमारियां जन्म से शिशु को हो जाती हैं। समय पर इलाज से बीमारी को गंभीर होने से बचाया जा सकता है। बीमारियों से बच्चों को निजात भी दिलाई जा सकती है। केजीएमयू पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की ओपीडी सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को होती है। इमरजेंसी सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध रहती हैं। विभाग का हेल्प लाइन नम्बर 8004949013 पर बीमारियों के इलाज संबंधी जानकारी हासिल कर सकते हैं। यहां बेहद किफायती दरों पर बच्चों की गंभीर बीमारियों का इलाज हो रहा है। कार्यक्रम में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एसएन कुरील, डॉ. अर्चिका गुप्ता, डॉ. आनन्द पाण्डे, डॉ. पियूष, डॉ. गुरमीत सिंह, डॉ. राहुल रॉय, डॉ. शोभा, डॉ. मनीष राजपूत, डॉ. कृति पटेल, डॉ. प्रीति मौजूद रही।
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