कोरोना संक्रमण के बाद से युवाओं की अचानक मौत के मामले दर्ज किए गए हैं और हम इसकी जांच करा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को एक सवाल के जवाब में संसद में यह जानकारी दी।
भारत में कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लग चुकी है। मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक 24 घंटे में सवा तीन साल के बाद सबसे कम केस सामने आए हैं। एक दिन में केवल 33 नए केस रिपोर्ट हुए हैं।
कोरोना संक्रमण ने फिर अपनी चाल बदल ली है। इस साल पॉजिटिव मिल रहे 95 फीसदी लोगों में डेंगू बुखार जैसे लक्षण मिल रहे। शुरूआत में डेंगू बुखार का संदेह रहा, लेकिन जांच रिपोर्ट में कोविड की पुष्टि हुई।
यूपी में कोरोना संक्रमण पीक के करीब पहुंच गया है। एक-दो दिनों में वह पिक पर पहुंच जाएगा। उसके बाद धीरे-धीरे संक्रमण की रफ्तार कम होगी। वर्तमान में संक्रमण की आर नॉट वैल्यू एक से भी कम है।
सुप्रीम कोर्ट के पांच जज भी कोरोना की चपेट में आ गए हैं। इनमें से दो जज ऐसे भी हैं जो कि समलैंगिक विवाह मामले की सुनवाई में शामिल थे। सोमवार को होने वाली सुनवाई टाल दी गई है।
कोरोना के केसों में इस महीने लगातार इजाफा देखने को मिला है। अब इसे लेकर सरकार भी सतर्क हो गई है। केंद्नीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के 8 राज्यों से कोरोना के मामलों पर निगरानी रखने को कहा है।
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बुधवार को पीएमओ की उच्च स्तीरय बैठक बुलाई गई। इसमें प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने पांच स्तरीय प्लान को लेकर चर्चा की।
कोरोना संक्रमितों के ठीक होने में छह से सात दिन समय लग रहा है। 95 फीसदी संक्रमितों में कोविड के लक्षण भी नहीं है। विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना के वैरिएंट में कोई खास अंतर नहीं मिला है।
पिछले 24 घंटों में 749 लोगों को टीका लगाया गया। अब तक देश में 2,20,66,27,271 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। राज्यों में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच कोविड प्रतिबंधों की भी वापसी हो रही है।
राजधानी दिल्ली में पिछले एक सप्ताह में कोरोना से 24 लोगों की जान चली गई। यह संख्या देश में सबसे ज्यादा है। वहीं एक सप्ताह में ही 8 हजार से ज्यादा केस रिपोर्ट हुए।