क्या 06 और 07 जून दोनों दिन रखा जाएगा निर्जला एकादशी व्रत? जानें पंडित जी से
Nirjala ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि निर्जला एकादशी व्रत करने से सभी 24 एकादशी व्रतों का पुण्य मिलता है। जानें निर्जला एकादशी कब है-

Nirjala ekadashi vrat kab hai: हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी व्रत रखा जाता है। इस साल निर्जला एकादशी व्रत को लेकर कंफ्यूजन की स्थिति है। कुछ लोगों का मत है कि निर्जला एकादशी व्रत 06 जून को रखा जाएगा और कुछ 07 जून को व्रत करना उत्तम मान रहे हैं। जबकि कुछ का मानना है कि निर्जला एकादशी व्रत दोनों दिन किया जा सकता है। अगर आप भी निर्जला एकादशी व्रत करने वाले हैं तो, जानें पंडित नरेंद्र उपाध्याय से निर्जला एकादशी व्रत कब रखना रहेगा उत्तम:
कब करें निर्जला एकादशी व्रत जानें पंडित जी से: पंडित ज्योतिषाचार्य नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार, एकादशी तिथि 06 जून को देर रात 02:15 बजे प्रारंभ होगी और 07 जून को सुबह 04:47 मिनट पर समाप्त होगी। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत उदयातिथि में करना उत्तम माना गया है। ऐसे में निर्जला एकादशी व्रत 06 जून 2025 को किया जाएगा। पंडित जी के अनुसार, निर्जला एकादशी व्रत का पारण अगले दिन 07 जून 2025 को करना उत्तम रहेगा।
निर्जला एकादशी व्रत पारण का समय: निर्जला एकादशी व्रत का पारण शुभ मुहूर्त 07 जून 2025 को दोपहर 01 बजकर 44 मिनट से शाम 04 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।
निर्जला एकादशी व्रत का महत्व: निर्जला एकादशी व्रत महाभारत काल से ही बहुत खास माना गया है। एक बार व्यासजी के कहने पर पांडवों में भीम ने निर्जला एकादशी व्रत किया था। तभी से इसे भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है। मान्यता है कि निर्जला एकादशी व्रत करने से साल भर की एकादशी व्रतों का फल प्राप्त होता है। इस व्रत को करने से सभी पाप मिट जाते हैं और भगवान विष्णु की कृपा से मनुष्य सभी सुखों को भोगकर अंत में मोक्ष को जाता है।
निर्जला एकादशी के दिन क्या दान करें: निर्जला एकादशी के दिन अन्न व धन का दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।