निर्जला एकादशी के दिन इन नियमों का करें पालन, मिलेगा व्रत का पूर्ण फल
Nirjala Ekadashi Ke Niyam: निर्जला एकादशी के दिन कुछ व्रत नियमों का पालन करने से भगवान विष्णु के प्रसन्न होने की मान्यता है। जानें निर्जला एकादशी व्रत के नियम-

Nirjala Ekadashi Vrat Niyam 2025: निर्जला एकादशी व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह व्रत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है निर्जला एकादशी व्रत निर्जला यानी बिना अन्न व जल ग्रहण किए बिना रखा जाता है। इसलिए निर्जला एकादशी सबसे कठिन एकादशी व्रत माना जाता है। मान्यता है कि निर्जला एकादशी के दिन कुछ नियमों का पालन करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और व्रत का पूर्ण फल मिलता है। जानें निर्जला एकादशी व्रत के नियम-
1. निर्जला एकादशी व्रत में अन्न व जल पूरी तरह से वर्जित है। इसमें फलाहार भी मान्य नहीं है।
2. इस व्रत में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और शारीरिक इच्छाओं पर कंट्रोल रखना चाहिए।
3. इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा-अर्चना करनी चाहिए व व्रत कथा का पाठ करना चाहिए।
4. एकादशी व्रत करने के बाद अगले दिन व्रत पारण के समय ही पानी पीना चाहिए।
5. निर्जला एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को जल नहीं अर्पित करना चाहिए क्योंकि इस दिन तुलसी माता भी व्रत करती हैं।
6. निर्जला एकादशी के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन दान-पु्ण्य भी लाभकारी माना गया है।
7. निर्जला एकादशी के दिन पलंग पर नहीं सोना चाहिए, भूमि पर ही आराम या शयन करना चाहिए। व्रत में दिन में सोने की मनाही होती है।
8. व्रत के दौरान क्रोध और लोभ जैसे नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए।
9. इस दिन जीव-जंतु को हानि नहीं पहुंचानी चाहिए। इस दिन न ही बाल कटवाने चाहिए और न ही नाखून काटने चाहिए।
10. निर्जला एकादशी के दिन वाद-विवाद से दूर रहना चाहिए।