Nirjala Ekadashi: निर्जला एकादशी पर क्या नहीं करना चाहिए? जान लें जरूरी बातें
Nirjala Ekadashi Niyam: निर्जला एकादशी के दिन कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है। मान्यता है कि इन कामों को करने से अशुभ फल की प्राप्ति होती है।

Nirjala Ekadashi 2025 Vrat Niyam: हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु की उपासना के लिए खास माना गया है। हिंदू पंचांग के आधार पर यह व्रत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। इसे भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं। इस व्रत में भक्त अन्न व जल ग्रहण नहीं करते हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से 24 एकादशी का फल मिलता है व भगवान विष्णु की कृपा से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, निर्जला या भीमसेनी एकादशी के दिन कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है। जानें-
1. इस दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, चावल खाने वाला व्यक्ति अगले जन्म में कीड़े मकोड़े के रूप में जन्म लेता है।
2. इस दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि नमक का सेवन करने से एकादशी व गुरु ग्रह का फल खत्म हो जाता है।
3. एकादशी के दिन तुलसी को जल अर्पित नहीं करना चाहिए और न ही छूना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन तुलसी माता उपवास करती हैं। तुलसी को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है।
4. इस दिन किसी के प्रति बुरे या अपमानजनक शब्द प्रयोग नहीं करने चाहिए। इस दिन क्रोध नहीं करना चाहिए और वाद-विवाद से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
5. एकादशी के दिन बाल या नाखून काटना अशुभ माना गया है।
एकादशी के दिन क्या करें-
1. एकादशी के दिन अधिक से अधिक मां लक्ष्मी व भगवान विष्णु की अराधना करनी चाहिए।
2. भगवान विष्णु को तुलसी दल युक्त प्रसाद का भोग लगाना चाहिए।
3. भगवान विष्णु की आरती करनी चाहिए।
4. इस दिन गरीब व जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए।