Nirjala ekadashi date 2025: निर्जला एकादशी व्रत बिना पानी के रख रहे हैं, तो ये नियम जान लें
निर्जला एकादशी व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन अगर निर्जला व्रत रख लिया तो आपको साल भर की एकादशी नहीं रखनी होगी, क्योंकि इस दिन व्रत रखने से साल भर की एकादशी के व्रत का फल मिल जाता है।

निर्जला एकादशी व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन अगर निर्जला व्रत रख लिया तो आपको साल भर की एकादशी नहीं रखनी होगी, क्योंकि इस दिन व्रत रखने से साल भर की एकादशी के व्रत का फल मिल जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 06 जून को देर रात 02 बजकर 15 मिनट पर प्रारंभ होगी और 07 जून को सुबह 04 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि में निर्जला एकादशी व्रत 06 जून को रखा जाएगा। अगरआप भी निर्जला एकादशी का व्रत रखना चाहते हैं, तो पानी पीने से जुड़े ये नियम जान लें।
निर्जला एकादशी व्रत में पानी पीने का क्या है नियम
अगर सामर्थ्य नहीं है, तो सूर्योदय से सूर्यास्त तक भी व्रत कर सकते हैं। अगर आप पानी के बिना नहीं रह सकते हैं, तो दशमी की रात तड़के 3 से 4 बजे तक पानी पी सकते हैं, लेकिन सूर्योदय होने के बाद पानी नहीं पी सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि पक्षियों की आवाज आपके कानों में ना पहुंचने पाएं। सूर्यास्त के दो घंटे बाद पानी पी सकते है। कहा जाता है कि इससे 12 एकादशी के व्रत का फल मिल जाता है। कहा जाता है कि इस दिन आप जलदान करें। इससे निर्जला एकादशी के फल का पुण्य मिल जाता है। निर्जला एकादशी के दिन अगर 24 एकादशी के व्रत का फल लेना चाहते हैं, तो द्वादशी के दिन सुबह 5-6 बजे के बीच व्रत का पारण कर सकते हैं। पारण तुलसी मिले जल से खोलना चाहिए। इससे आपके जीवन में कई पापों का निवारण हो जाता है। अगर आप पानी और फल के साथ व्रत करना चाहते हैं, तो वो भी कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।