10 करोड़ फ्रीज, 2 हजार बैंक खाते रडार पर; घोस्ट अकाउंट से साइबर फ्रॉड पर पुलिस का कड़ा ऐक्शन
साइबर ठगी के मामलों में फ्रीज बैंक खातों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सबसे चर्चित मामला पंजाब नेशनल बैंक के साइबर फ्रॉड से जुड़ा है। अब तक दो हजार से अधिक खातों में 10 करोड़ की राशि को फ्रीज किया जा चुका है।

साइबर ठगी के मामलों में शातिरों के दो हजार से अधिक बैंक खाते बिहार के मुजफ्फरपुर में पुलिस की जांच के दायरे में हैं। तीन साल के दौरान हुई ठगी के इन मामलों में करीब 10 करोड़ रुपये फ्रीज कराए गए हैं। ठगी के शिकार पीड़ित राशि वापस पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पीड़ित राशि वापस पाने के लिए निचली अदालत से हाईकोर्ट तक दौड़ लगा रहे हैं। इस बीच साइबर अपाधियों पर पुलिस की कार्रवाई जारी है। गिरोह के अन्य शातिरों की तलाश की जा रही है। फर्जी कंपनियों के नाम पर घोष्ट अकाउंट(बेनामी, गलत पते ठिकाने वाले खाते) खोल कर काला कारोबार किया जा रहा है।
मुजफ्फरपुर साइबर थाने में जून 2023 से अब तक साइबर फ्रॉड के 189 मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें एक हजार से अधिक बैंक खाते जांच के दायरे में आए। अन्य थानों में तीन साल के दौरान दर्ज 250 से अधिक साइबर ठगी के मामलों में एक हजार से अधिक बैंक खाते जांच के दायरे में आए। इस तरह मुजफ्फरपुर पुलिस ने साइबर ठगी में दो हजार से अधिक बैंक खातों को फ्रीज कराया है।
रुपय वापस लेने में छूट रहे पसीने
साइबर ठगी के मामलों में फ्रीज बैंक खातों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सबसे चर्चित मामला पंजाब नेशनल बैंक के साइबर फ्रॉड से जुड़ा है। इसमें पुलिस ने 21 घोस्ट खातों को फ्रीज कराया। इसमें 90 लाख रुपये से अधिक सीज किए गए। राशि वापस लेने के लिए ठगी के शिकार कांटी के रामदेव राम, माड़ीपुर सर्किट हाउस रोड के प्रो. ज्योति नारायण सिंह और भगवानपुर की रिटायर प्रोफेसर मीना कुमारी ने बैंक से लेकर कोर्ट तक का चक्कर लगाया। लेकिन, उन्हें अब तक रुपये वापस नहीं मिले हैं।
इसी तरह, साइबर ठगी के 200 से अधिक पीड़ित रुपये वापसी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। चार्जशीट दाखिल होने के बाद भी पीड़ितों को रुपये वापस नहीं मिल पा रहे हैं। प्रो. ज्योति नारायण सिंह ने बताया कि चार्जशीट के बाद भी रुपये वापस करने में बैंक आनाकानी कर रही है। बैंक की दलील है कि खातों में फ्रीज रुपये आपसे ही हुई ठगी के हैं, यह स्पष्ट होने के बाद ही वापस मिलेंगे। यही स्थिति अन्य मामलों में भी सामने आ रही है।
फर्जी कंपनियों के नाम पर खोले गए घोस्ट खाते
साइबर पुलिस की जांच में सामने आया है कि साइबर शातिरों ने बड़े पैमाने पर फर्जी कंपनियों के नाम पर सीसी अकाउंट खोल रखे हैं। फ्रीज बैंक खातों में कई ऐसे ही हैं। इसकी जाच की जा रही है कि बैंकों ने बिना जांच-पड़ताल किए कैसे कंपनियों के नाम पर सीसी अकाउंट खोल दिए। कंपनियों के नाम पर खोले गए बैंक अकाउंट भी फर्जी नाम पते-वाले निकल रहे हैं। अहियापुर के दिनेश कुमार से हुई 89 लाख की ठगी में चार निजी कंपनियों के नाम पर खुले बैंक खातों में रुपये मंगाए गए। इस तहत ठगी के कई अन्य मामलों में भी फर्जी कंपनियों के नाम पर खुले घोस्ट बैंक खाते सामने आए हैं।
क्या कहते हैं एसएसपी?
फ्रीज खातों के रुपये वापसी के लिए पीड़ित को कोर्ट से कानूनी अनुमति लेनी है। रुपये फ्रीज कराने के साथ ही पुलिस न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करती है। इसके लिए कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद ही आदेश निर्गत किया जाता है। -सुशील कुमार, एसएसपी