जमीरा में आरा-चांदी सड़क पर कचरे की सफाई करा पानी निकाला गया
जिला प्रशासन के निर्देश पर विभाग ने की उक्त कार्रवाई। अधूरे बने नाले को पूरा किये बिना दूर नहीं होगी

हि. असर -जिला प्रशासन के निर्देश पर विभाग ने की उक्त कारवाई -अधूरे बने नाले को पूरा किए बिना दूर नहीं होगी परेशानी कोईलवर, एक संवाददाता। आरा-चांदी पथ पर जमीरा गांव में नाले का पानी सड़क पर ही फैलने की खबर को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। महज छह घंटे के अंदर ही जिला प्रशासन के निर्देश पर पथ निर्माण विभाग ने जेसीबी मशीन की सहायता से सड़क किनारे कचरे के ढेर को हटाए जाने की कवायद की है। इससे सड़क पर जमा पानी भी फिलहाल निकल गया है। बता दें कि दो जून के अंक में आपके अपने प्रिय अखबार हिन्दुस्तान में आरा-चांदी सड़क पर बह रहा गंदा पानी, भारी परेशानी शीर्षक से प्रमुखता से सचित्र खबर छपी थी।
खबर को देख जिला प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया और पथ निर्माण विभाग को इस समस्या को अविलंब देखने का निर्देश दिया। इधर, बीस सूत्री की बैठक के बावजूद अधीक्षण अभियंता सिकंदर पासवान ने इसे सोमवार को ही सफाई करने का निर्देश दिया। इस बाबत विभाग की ओर से सोमवार को ही जमीरा गांव में जेसीबी भेज दी गई, जहां 11 बजे से मशीन को सड़क की सफाई में लगाया गया। इस दौरान सड़क के किनारे भारी मात्रा में जमा कचरे को मशीन की सहायता से हटवाया गया। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि सड़क किनारे रखे गए कचरा को हटाने से समस्या कम हुई है। मगर नाले का पानी के बाहर फैलने की समस्या अभी पूरी तरह खत्म नहीं हो पाई है। राहगीरों ने बताया कि नल-जल योजना में पानी की बर्बादी इस गांव में ज्यादा है, जिस कारण सुबह-शाम सड़क पर ज्यादा पानी फैल जाता है, जबकि दोपहर को नाले का पानी कम मात्रा में बाहर निकलता है। विभाग की अनदेखी व लापरवाही बना कारण जानकारों की मानें तो बीते वर्षों में आरा-कोईलवर पथ पर जाम रहने के कारण आरा से चांदी होकर पटना तक का सफर लोग इसी रास्ते से करने लगे थे। हालांकि सड़क चौड़ी नहीं होने से आवागमन मुश्किल हो रही थी। इस बाबत तत्कालीन राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने इस सड़क के चौड़ीकरण हेतु तत्कालीन पथ निर्माण मंत्री नन्द किशोर यादव से बात की, जिसके बाद मंत्री ने आरा- चांदी पथ के महत्व को देखते हुए इसे चांदी और जमीरा में दोनों ओर नाले के साथ चौड़ीकरण का निर्देश दिया था। निर्माण का जिम्मा जिस कंपनी को मिला, उसने नाले को जमीरा नदी तक न बनाकर पूरब की ओर बधार में बना दिया, जहां इसका कोई औचित्य नहीं था। नतीजा यह हुआ कि गांव की आधी आबादी नाले से वंचित हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि गंदे नाले का पानी जमीरा गांव के पश्चिम छोर पर नदी में गिरना चाहिए था, पर नाले के आधे-अधूरे निर्माण के कारण आज गांव के नहीं बल्कि इस रास्ते यातायात करने वाले लोग सड़क पर पसरे गंदे पानी को पार करने की परेशानी झेलते नजर आते हैं। सड़क की जमीन के अतिक्रमण से नहीं बन सका नाला विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम में सड़क के किनारे तक ग्रामीणों ने सड़क की जमीन का अतिक्रमण कर लिया है। इस सड़क के पश्चिमी छोर पर लोगों ने सरकारी फ्लैंक की जमीन को भी घेर रखा है। इसी कारण नाला इस ओर नहीं बना होगा और जल्दबाजी में पूरब दिशा में बिना आबादी वाले इलाके में नाला बना दिया गया होगा । इस कारण आज नाले से निकले गंदा पानी सड़क के बीच लंबी दूरी में जल जमाव का रूप ले लिया है। बहरहाल, हाल के दिनों में सड़क के मेंटेनेंस कार्य में बिजली के पोल और सड़क पर बहते नाले के पानी ने राहगीरों की परेशानी बढ़ा दी है। कोट आरा-चांदी पथ पर जमीरा में नाले के समीप कचरे की सफाई कराई गई है। इससे अब पानी बहने की समस्या कम हो जाएगी। गांव में नाले के अधूरे निर्माण की जांच भी कराई जा रही है। जल्द ही नाला निर्माण पूरा कराए जाने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। सिकंदर पासवान, अधीक्षण अभियंता,पीडब्लूडी पथ निर्माण विभाग, भोजपुर
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